मायावती के साथ लौटेंगे ये नेता? बसपा में नई रणनीति पर काम करेंगे भतीजे आकाश आनंद!
UP Politics: बसपा सूत्रों की माने तो आकाश आनंद को उत्तर प्रदेश छोड़कर बाकी सभी राज्यों के जोनल कोऑर्डिनेटर रिपोर्ट करने वाले हैं. आकाश
Akash Anand News: 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजों में शून्य सीटें आने पर समीक्षा के बाद आकाश आनंद कि मायावती ने वापसी कर दी है. जिस आकाश आनंद को एमेच्योर कहकर 47 दिन पहले हटाया गया था अब उन्हें एक बार फिर से मैच्योरिटी के साथ काम करने का आश्वासन देते हुए मायावती ने अपना उत्तराधिकारी और नेशनल कोऑर्डिनेटर दोनो बना दिया है. इसके साथ ही अब आकाश आनंद के कंधों पर बसपा के बिखरते कैडर को वापस से जोड़ने और संगठन को मजबूत करने की चुनौती है. आकाश आनंद के कंधों पर संगठन को विस्तार देने की भी जिम्मेदारी है.
पिछले डेढ़ दशक से लगातार कमजोर हो रही बहुजन समाज पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी अब आकाश आनंद जैसे युवा नेता की कंधों पर मायावती ने दे दी है. पॉलिटिकल पंडितों की माने तो आकाश आनंद के लिए यह जिम्मेदारी कठिन और चुनौतीपूर्ण दोनों हैं. लेकिन वहीं अगर उनका 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान कैंपेन देखा जाए तो वह जिस तरीके से आक्रामक था, उससे एक बड़े वर्ग में इस बात की उम्मीद भी है कि आकाश आनंद अपनी भाषा शैली और अपने पार्टी में मिले महत्वपूर्ण पद और प्रभाव के कारण बसपा के लिए फायदेमंद भी साबित हो सकते हैं.
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लौट सकते हैं बसपा के ये नेता?
बसपा सूत्रों की माने तो आकाश आनंद को उत्तर प्रदेश छोड़कर बाकी सभी राज्यों के जोनल कोऑर्डिनेटर रिपोर्ट करने वाले हैं. आकाश को सभी राज्यों में कैडर कैंप के जरिए पार्टी का जनाधार बढ़ाने का निर्देश मायावती द्वारा मिला है. साथ ही पार्टी के पुराने मिशन से जुड़े हुए नेताओं को एक बार फिर से पार्टी में वापस जोड़ने की भी रणनीति बनी है, क्योंकि लंबे समय से ये देखा गया है कि पार्टी से जुड़े हुए तमाम वरिष्ठ नेता जिनको मायावती ने बड़ा नेता बनाया वह किसी ने किसी बात से आहत होकर मायावती का साथ छोड़ दिए और आज की तारीख में और दूसरे दलों के साथ जुड़कर बड़े जनाधार वाले नेता बन चुके हैं. ऐसे में बसपा की रणनीति अपने पुराने साथियों को वापस लाकर पार्टी को एक बार फिर से मजबूत करने की भी है , जिसकी जिम्मेदारी आकाश आनंद को सौंपी गई है.
उत्तर प्रदेश में चंद्रशेखर आजाद और उनकी पार्टी के बढ़ते जनाधार और बढ़ते रसूख के कारण भी मायावती और बसपा परेशान दिख रही है. इस कारण युवा चेहरे को आगे कर युवाओं को अपने साथ जोड़ने की रणनीति आकाश के कंधों पर मायावती ने दी है.