UP Politics: सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण के मुद्दे पर दिए फैसले के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में इसी की चर्चा है. बीते दिनों भारत बंद में सक्रियता दिखाते हुए बहुजन समाज पार्टी ने अपना विरोध जाहिर किया था. अब बसपा चीफ मायावती ने एक बार फिर इस मुद्दे पर बयान जारी कर भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को घेरा है.


यूपी की पूर्व सीएम ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- एससी/एसटी आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर का नया नियम लागू करने के माननीय सुप्रीम कोर्ट के दिनांक 1 अगस्त 2024 के निर्णय के विरुद्ध जन अपेक्षा के अनुसार पुरानी व्यवस्था बहाल रखने के लिए केन्द्र द्वारा अभी तक भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाना यह अति-दुःखद व चिन्ताजनक है.


पूर्व सीएम ने लिखा- इसको लेकर 21 अगस्त के भारत बंद के बावजूद अगर केन्द्र इसमें जरूरी सुधार के लिए गंभीर नहीं तो यह सोचने वाली बात है. पहले मा. कोर्ट में लचर पैरवी और अब उसको लेकर संविधान संशोधन बिल नहीं लाने से साबित है कि बीजेपी का एससी/एसटी आरक्षण विरोधी रवैया पूर्व की तीव्रता के साथ बरकरार है.


मायावती ने लिखा- इस मामले में कांग्रेस, सपा व इनके इण्डी गठबंधन की भी चुप्पी उतनी ही घातक. इससे यह फिर से साबित है कि SC/ST वर्गों के सही हित, कल्याण व उत्थान के मामले में दोनों ही पार्टियाँ व इनके गठबंधन एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं तथा इन वर्गों का हित अम्बेडकरवादी बीएसपी में ही सुरक्षित है.


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इससे पहले गुरुवार को मायावती ने लिखा था- सुप्रीम कोर्ट के SC/ST आरक्षण के वर्गीकरण व क्रीमीलेयर के निर्णय से उत्पन्न रोष को लेकर कल हुए भारत बंद में बीएसपी की प्रभावी भागीदारी एवं एकजुटता की अपील से इसके सफल होने की सभी को बधाई, किन्तु कांग्रेस-सपा आदि के इसके प्रति उदासीन रवैये से इनकी जातिवादी सोच प्रमाणित करती है.


उन्होंने लिखा था- देश में करोड़ों SC/ST वर्गों को आरक्षण के उनके हक को निष्क्रिय/निष्प्रभावी बनाकर अन्ततः उसे खत्म करने की सपा, कांग्रेस व भाजपा आदि के षडयंत्रों से ये लोग कितने अधिक आक्रोशित हैं यह कल के भारत बंद से साबित है. आगे भी उन्हें यह लड़ाई खुद ही अपने बल पर लड़नी होगी तभी सही सफलता.