Imran Masood को बसपा से बाहर का रास्ता दिखाने पर पहली बार बोलीं मायावती, कहा- ऐसे लोगों पर...
इमरान मसूद सहारनपुर की तत्कालीन मुजफ्फ्फराबाद (अब बेहट) सीट से विधायक (2007-2012) रहे हैं। वह वर्ष 2014 और 2019 में सहारनपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं
Imran Masood News: बहुजन समाज पार्टी की नेता और यूपी की पूर्व सीएम मायावती (Mayawati) ने इमरान मसूद के निष्कासन पर प्रतिक्रिया दी है. मायावती ने उन लोगों पर सवाल किए हैं जो इमरान मसूद के निष्कासन को लेकर बसपा पर निशाना साध रहे हैं. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर पूछा- बीएसपी से निकाले जाने पर सहारनपुर के पूर्व विधायक कांग्रेस व उस पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा में व्यस्त हैं, जिससे लोगों में यह सवाल स्वाभाविक है कि उन्होंने पहले यह पार्टी छोड़ी क्यों और फिर दूसरी पार्टी में गए ही क्यों? ऐसे लोगों पर जनता कैसे भरोसा करे?
बता दें पूर्व विधायक इमरान मसूद को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी (BSP) से निष्कासित कर दिया गया है. BSP की सहारनपुर इकाई ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी. पूर्व विधायक हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रशंसा को लेकर चर्चा में आए थे.
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BSP की मीटिंग में भी नहीं गए थे इमरान मसूद
सहारनपुर जिले के प्रभावशाली मुस्लिम नेता मसूद ने 23 अगस्त को पार्टी प्रमुख मायावती की अध्यक्षता में लखनऊ में हुई BSP नेताओं और पदाधिकारियों की बैठक में भी शिरकत नहीं की थी. पिछले साल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इमरान मसूद कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी (सपा) में चले गए थे. हालांकि चुनाव के बाद सितंबर 2022 में वह सपा छोड़कर BSP में शामिल हो गए.
BSP की सहारनपुर इकाई द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि मसूद को पूर्व में अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन कोई सुधार नहीं होने पर उन्हें BSP से निष्कासित कर दिया गया है.
बसपा ने बयान में क्या कहा?
BSP ने बयान में कहा है कि जब वह पार्टी में आए थे तब उन्हें स्पष्ट रूप से बताया गया था कि दी गई जिम्मेदारी को पूरा करने पर ही उन्हें सहारनपुर सीट से लोकसभा का टिकट दिया जाएगा.
बयान में कहा गया है '' स्थानीय निकाय चुनाव में जब उन्होंने सहानपुर से महापौर पद पर परिवार के एक सदस्य को टिकट के लिए दबाव बनाया तो इस शर्त पर यह टिकट दिया गया कि अगर उनका प्रत्याशी हारा तो उन्हें लोकसभा का टिकट नहीं दिया जाएगा.'' बयान में कहा गया है कि मसूद ने पार्टी में नए सदस्यों को जोड़ने का कार्य भी नहीं किया.