UP News: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) ने बसपा (BSP) प्रमुख मायावती (Mayawati) के फैसले का स्वागत किया है. दरअसल, बुधवार को मायावती ने एलान किया कि उपराष्ट्रपति चुनाव (Vice President Election) में उनकी पार्टी जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) को वोट करेगी. इसके बाद इसके बाद ही डिप्टी सीएम की पहली प्रतिक्रिया बीजेपी (BJP) के ओर से आई. मायावती के एलान के साथ ही एक चर्चा काफी जोरों पर चल रही है, कहा जा रहा है कि बसपा प्रमुख के फैसलों से बीजेपी की राह हमेशा आसान हो जाती है. इसके पीछे पूर्व में लिए गए कई फैसलों को आधार माना जा रहा है.
मायावती ने बुधवार को ट्वीट कर एलान किया, "सर्वविदित है कि देश के सर्वोच्च राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में सत्ता और विपक्ष के बीच आम सहमति ना बनने की वजह से ही इसके लिए फिर अन्ततः चुनाव हुआ. अब ठीक वही स्थिति बनने के कारण उपराष्ट्रपति पद के लिए भी छह अगस्त को चुनाव होने जा रहा है." उन्होंने आगे लिखा, "बीएसपी ने ऐसे में उपराष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव में भी व्यापक जनहित और अपनी मूवमेन्ट को भी ध्यान में रखकर जगदीप धनखड़ को अपना समर्थन देने का फैसला किया है. जिसकी मैं आज औपचारिक रूप से घोषणा भी कर रही हूं."
डिप्टी सीएम की प्रतिक्रिया
इसके बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "बहन जी ने हमेशा से वंचित वर्ग की आवाज उठाई है. मुझे लगता है कि जिस तरह से उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को सपोर्ट किया और उपराष्ट्रपति के चुनाव में जगदीप धनखड़ को सपोर्ट किया है, इसके लिए मैं उनका आभार प्रकट करता हूं. मैं उम्मीद करता हूं कि सभी राजनीतिक दल इसी प्रकार निर्विरोध चुनाव की ओर आगे बढ़े."
पहले बसपा प्रमुख ने एलान किया और फिर डिप्टी सीएम का ये बयान आया. जिसके बाद कहा जा रहा है कि मायावती के फैसलों से बीजेपी की राह हमेशा आसान होती रही है. इस चर्चा के पीछे बीते दिनों बसपा के फैसलों को ध्यान में रखा जा रहा है. दरअसल, ये पहला मौका नहीं है जबकि मायावती के फैसलों का बीजेपी को सीधा फायदा होते दिख रहा है. इसको समझने के लिए हम पहले के फैसलों पर भी एक नजर डालते हैं.
मायावती ने पिछले महीने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी बीजेपी के फायदे वाला फैसला लिया था. तब उन्होंने बीजेपी गठबंधन यानि एनडीए की ओर से राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन का एलान किया था. हालांकि द्रौपदी मुर्मू की जीत लगभग तय ही मानी जा रही थी, लेकिन इसके बाद भी बसपा प्रमुख के इस फैसले ने बीजेपी की राह को और आसान ही किया.
आजमगढ़ में सपा के वोट में हुई सेंधमारी
यूपी में दो सीटों, आजमगढ़ और रामपुर में हुए उपचुनाव की भी चर्चा करना काफी अहम है. तब भी बसपा ने केवल आजमगढ़ में अपना प्रत्याशी खड़ा किया था. इससे बीजेपी को सीधा फायदा मिला और यहां बीजेपी उम्मीदवार दिनेश लाल यादव निरहुआ ने जीत दर्ज की. रिजल्ट के बाद साफ हो गया कि अखिलेश यादव को लोकसभा चुनाव में जो वोट मिले थे, उन्हीं वोटों में से बसपा उम्मीदवार ने बड़ी सेंधमारी की है. जिसके बाद ही बीजेपी के उम्मीदवार की जीत हो सकी.
अब जरा विधानसभा चुनाव 2022 की चर्चा कर लें. इस चुनाव में बसपा उम्मीदवारों के कारण कई सीटों पर समीकरण बदल गए. चुनाव में ऐसी 91 सीटें जहां समाजवादी पार्टी ने मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे, वहां बीएसपी ने भी मुस्लिम प्रत्याशी को चुनाव में अपना प्रत्याशी बना दिया. इसी तरह 15 सीटों पर बीएसपी ने यादव उम्मीदवारों को उतारा था, क्योंकि इन सीटों पर सपा ने भी यादव प्रत्याशियों को टिकट दिया था. बीजेपी को बसपा के इस फैसले का भी सीधा फायदा मिला, ये बात साफ तौर पर चुनाव के रिजल्ट में भी दिख गया. इन 122 सीटों में से 68 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली.
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