UP Politics: राजधानी लखनऊ की लखनऊ पूर्वी विधानसभा सीट पर जल्द ही उपचुनाव चुनाव होने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. यह सीट भारतीय जनता पार्टी से 2022 में तीसरी बार चुनाव जीतकर विधायक बने पूर्व कैबिनेट मंत्री विधायक आशुतोष टंडन उर्फ़ गोपाल जी के निधन के बाद खाली हुई है. लंबे समय से बीमारी चल रहे गोपाल जी टंडन का 9 नवंबर को लखनऊ के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया, जिसके बाद से यह सीट खाली हो गई है. आशुतोष टंडन कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे.
गोपाल जी टंडन की मृत्यु के बाद यह सीट खाली होने पर नए प्रत्याशी को चुनाव लड़वाने के लिए बीजेपी ने प्रत्याशी की तलाश शुरू कर दी है. बीजेपी में मौजूद सूत्रों की मानें तो इस सीट पर तीन से चार नामों पर मंथन जारी है. इसमें सबसे पहला नाम लालजी जी टंडन के बेटे और गोपाल टंडन के भाई अमित टंडन का नाम है. अमित टंडन पिछले कुछ दिनों से काफी सक्रिय हैं तो वहीं गोपाल जी टंडन की बीमारी के बाद अमित टंडन ही उनका काम धाम देख रहे थे.
इसके अलावा बीजेपी के अंदर संतोष सिंह के ऊपर भी मंथन चल रहा है. संतोष सिंह इस वक्त मौजूदा समय पर बीजेपी में प्रदेश उपाध्यक्ष के साथ-साथ ब्रज क्षेत्र के प्रभारी हैं. संतोष सिंह इसी विधानसभा के रहने वाले हैं तो वहीं लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र नेता भी रहे हैं. पार्टी के अंदर खाने पूर्व डीसीएम, राज्य सभा सदस्य दिनेश शर्मा को भी इस सीट से चुनाव लड़वाने की चर्चा है क्यों की यह सीट भारतीय जनता पार्टी की सबसे सेफ सीटों में से एक है.
वहीं पूर्व में दिनेश शर्मा भी कई बार इस सीट से चुनाव लड़ना भी चाहते थे. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता और पूर्व में मीडिया प्रभारी का दाइत्व निभा चुके मनीष शुक्ला के नाम पर भी मंथन हो रहा है. मनीष शुक्ला इस सीट से पहले भी टिकट मांगने की चाह में रहे हैं . मनीष शुक्ला मूलतः जौनपुर के रहने वाले हैं और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के नेता भी हैं पर लंबे समय से लखनऊ में रह रहे हैं.
लखनऊ पूर्वी की बात की जाए तो इस सीट पर अधिक संख्या में ब्राह्मण और पूर्वांचल के लोग हैं. जौनपुर से आने के कारण मनीष शुक्ला की दोनों में पकड़ मानी जाती है. इसके अलावा पार्टी किसी कायस्थ चेहरे को भी इस सीट पर उतार सकती है.
एक और नाम है कार्यकर्ताओं की जुबान पर
बीजेपी संगठन के अंदर चल रहे हैं नाम से इतर बीजेपी के लखनऊ के आम कार्यकर्ताओं की जुबान पर एक और नाम है, यह नाम है नीरज सिंह का. नीरज सिंह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के छोटे बेटे हैं. राजनाथ सिंह के केंद्रीय राजनीति में सक्रिय होने के कारण नीरज राजनाथ सिंह के लखनऊ लोकसभा क्षेत्र की जनता की समस्याएं सुनने के साथ साथ लोगों की मदद करते हुए अक्सर पाए जाते हैं. इसके साथ ही लखनऊ में हो रहे राजनीतिक निर्णयों में भी नीरज सिंह को अहमियत दी जाती है. कार्यकर्ता इस सीट से नीरज सिंह को टिकट मिलने की चाह में है.
ये रहा ये लखनऊ पूर्वी का सियासी सफर
लखनऊ पूर्वी विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी की सीट मानी जाती है. इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी का 1991 से कब्जा है. इस सीट पर बीजेपी ने 1991, 1993, 1996, 2002, 2007, 2012, 2014, 2017 और 2022 में जीत दर्ज की है. गोपाल टंडन इस सीट से तीसरी बार विधायक थे. वहीं उनके पहले कलराज मिश्र इस सीट से 2012 से 2014 तक विधायक रह चुके हैं. उनके 2014 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद ये सीट खाली होने पर गोपाल जी टंडन चुनाव लड़े थे.
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