UP Politics: यूपी में उपचुनाव से पहले पूर्वांचल में लगेगा बीजेपी को झटका! विधायक हो सकते हैं दूसरी पार्टी में शामिल
Gorakhpur News: गोरखपुर कैम्पियरगंज के विधायक फतेह बहादुर सिंह ने जिस शख्स पर अपनी हत्या का आरोप लगाया है, उसने खुद को सीएम योगी का सेवक बताते हुए विधायक गंभीर आरोप लगाए हैं.
UP Politics: यूपी के सियासी बवंडर में गोरखपुर के कैम्पियरगंज के विधायक फतेह बहादुर सिंह भी कूद पड़े हैं. उन्होंने जिस शख्स पर एक करोड़ रुपए चंदा जुटाकर उनकी हत्या की साजिश का आरोप लगाया है, उसने खुद को योगी सेवक बताया है.उन्होंने गृहमंत्री, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर खुद की सुरक्षा की गुहार क्या लगाई, यूपी ही नहीं देश की सियासत में भूचाल आ गया. वहीं आरोपों से घिरे शख्स ने वीडियो जारी कर फतेह बहादुर सिंह पर सपा के साथ मिले होने का आरोप लगाकर मामले में नया ट्विस्ट ला दिया है.
भाजपा विधायक फतेह बहादुर सिंह ने गुरुवार को लखनऊ में खुद की हत्या की साजिश का खुलासा किया. उन्होंने योगी सरकार की गोरखपुर पुलिस-प्रशासन को कटघरे में खड़ा करते हुए उनकी हत्या के लिए एक करोड़ रुपए चंदा जुटाने वाले शख्स के साथ गोरखपुर पुलिस के मिले होने का आरापे लगाया. उन्होंने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है. खुद के हत्या की सुपारी मिलने की जानकारी होने के बाद विधायक फतेह बहादुर सिंह ने गोरखपुर के एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर से मुलाकात की. इस मामले में उन्हें तहरीर देकर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की.
विधायक ने हत्या की साजिश का आरोप
इस मामले में उस समय नया मोड़ आ गया जब गोरखपुर के डीएम कृष्णा करुणेश और एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने कैम्पियरगंज के विधायक फतेह बहादुर सिंह के कुछ दिनों पूर्व मिले प्रार्थना पत्र के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उनके द्वारा दिए गए पत्र में अंकित किया गया कि "सूत्रों से जानकारी हुई है कि राजू रंजन चौधरी द्वारा मेरी हत्या कराने के लिए कई लोगों से चंदा इकट्ठा कराकर मेरे ऊपर हमला कराने की साजिश चल रही है.
एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने बताया कि विधायक फतेह बहादुर सिंह को वर्तमान समय में वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है, जिसके तहत वर्तमान समय में कुल 11 सुरक्षाकर्मी लगाया गया है. समय-समय पर उनकी सुरक्षा की समीक्षा की जाती है. जिस व्यक्ति का नाम इनके प्रार्थनापत्र में अंकित किया गया है, उसकी माताजी का नाम सरोज देवी है, जो वर्तमान समय में भारतीय जनता पार्टी से जिला पंचायत सदस्य हैं.
आरोपी ने विधायक पर लगाए गंभीर आरोप
विधायक फतेह बहादुर सिंह ने जिस शख्स पर हत्या के आरोप लगाए हैं, वो खुद को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का समर्पित कार्यकर्ता बता रहा है. हालांकि वो कैम्पियरगंज थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में उसने फतेह बहादुर की जीत के लिए उनके साथ साए की तरह चला. उनका प्रस्तावक भी रहा है. राजीव रंजन चौधरी ने विधायक के आरोपों को दरकिनार करते हुए उन्हें ही कटघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वे भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता हैं. उनकी मां श्रीमती सरोज देवी कैम्पियरगंज के वार्ड नंबर 15 से भाजपा की जिला पंचायत सदस्य हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि फतेह बहादुर सिंह ने उनके परिवार का जीना दुश्वार कर दिया है.
राजीव रंजन चौधरी ने कहा कि वे उन्हें फर्जी मुकदमा में फंसाकर जेल भेजना चाहते हैं. कैम्पियरगंज के कई लोगों को फर्जी मुकदमा में फंसाकर उन्होंने जेल भेजवा दिया है. जबसे यूपी में भाजपा की सरकार बनी है. योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने हैं, तबसे कैम्पियरगंज की जनता सुरक्षित है. नहीं तो आए दिन कैम्पियरगंज की जनता पर फर्जी मुकदमें लगवाते रहते थे. राजीव रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि, लोकसभा चुनाव में फतेह बहादुर सिंह और उनकी टीम सपा के लिए प्रचार-प्रसार कर रही थी. उन्होंने सीएम योगी से खुद और परिवार की सुरक्षा की मांग की है.
विधायक पर लगाया सपा को समर्थन करने का आरोप
विधायक फतेह बहादुर सिंह ने जिस राजीव रंजन चौधरी की मां और भाजपा जिला पंचायत सदस्य सरोज देवी ने कहा कि वे कैम्पियरगंज से भाजपा की जिला पंचायत सदस्य हैं. कैम्पिरगंज के विधायक फतेह बहादुर सिंह उनके बेटे राजीव रंजन चौधरी को फर्जी मुकदमें में फंसाते रहते हैं. वे और उनका परिवार 15 वर्षों से भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में विधायक फतेह बहादुर सिंह पर लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी काजल निषाद के पक्ष में प्रचार करने के आरोप भी लगाए हैं.
ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि संजय सिंह ने विधायक के आरोपों पर कहा कि ये कहीं न कहीं, विपक्षी पार्टी से प्रेरित हैं. इनको ये नहीं पता है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में यूपी अपराध मुक्त है. उन्हें ये नहीं पता कि जो अपराध करने वाले ऊपर या जेल चले गए. अपराध करने वालों पर बुलडोजर चलाने का काम होता है. इनकी मनगढ़ंत कहानी है. ये अलग पार्टी में जाने का बहाना ढूंढ रहे हैं. इनकी छवि ऐसी रही है. हर पार्टी बसपा, कांग्रेस, एनसीपी और अन्य पार्टी में जाते रहे हैं. जिससे ये मंत्री बनकर अपने भ्रष्टाचार को और तरजीह दे सकें.
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