(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP Politics: विधानसभा चुनावों में हार के बाद I.N.D.I.A में कलह! एक-दूसरे पर फोड़ रहे हार का ठीकरा
Lok Sabha Elections 2024: सपा चीफ अखिलेश यादव पहले की कह चुके हैं कि यूपी में लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी 65 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब कांग्रेस बैकफुट पर जा सकती है.
Assembly Election Results 2023: सभी पांच राज्यों में विधानसभा नतीजे घोषित होने के तुरंत बाद, इंडिया ब्लॉक के दो घटक दलों, समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल जोर-शोर से शुरू हो गया. सपा कांग्रेस पर उसके "अहंकार" और कमलनाथ के "अखिलेश-वखिलेश" तंज के लिए आरोप लगा रही है, इससे पिछड़े वर्ग के मतदाता अपमानित महसूस कर रहे हैं. वहीं यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि क्षेत्रीय दलों (सपा) के बारे में उनकी बीजेपी की 'बी टीम' टिप्पणी साकार हो गई है.
उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में चुनावी मैदान में उतरे क्षेत्रीय दल अब खुद देख सकते हैं कि उन्होंने बीजेपी की 'बी टीम' के रूप में कैसे खेला, जो अंततः एकमात्र विजेता बनी. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा भले ही अपना खाता खोलने में विफल रही हो, लेकिन आंकड़ों से पता चलता है कि उसने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया, जिसे टाला जा सकता था. अगर दोनों दलों ने चुनाव लड़ने के लिए हाथ मिलाया होता. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मानते हैं कि मध्य प्रदेश में 2018 की तुलना में पार्टी का वोट शेयर कम हुआ है और उम्मीदवारों का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा.
सपा का नहीं खुल पाया खाता
चुनाव आयोग के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, सपा को 0.45 फीसदी वोट शेयर मिला, जबकि 2018 में यह 1.3 फीसदी था. पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने कहा कि पिछले चुनाव में पार्टी को एक सीट मिली थी, लेकिन इस बार वह अपना खाता खोलने में असफल रही. अब आगे देखने का समय आ गया है. हम मप्र में अपनी पार्टी को मजबूत करते रहेंगे. सपा के लिए, ध्यान अब 2024 के लोकसभा चुनावों पर केंद्रित हो गया है.
कांग्रेस पर साधा निशाना
पूर्व सपा मंत्री ने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य अब 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी से मुकाबला करना है. पार्टी इंडिया ब्लॉक के सदस्य के रूप में अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहेगी और यूपी में बीजेपी को चुनौती देने के लिए सब कुछ करेगी. उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस ही थी जिसने एसपी के साथ गठबंधन नहीं करने का फैसला किया. मध्य प्रदेश में कांग्रेस की हार के लिए सपा को जिम्मेदार ठहराना राज्य नेतृत्व का सरासर अहंकार है.
चुनाव प्रचार के दौरान दिखी थी तीखी नोकझोंक
मध्य प्रदेश में पूरे चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस और सपा के बीच तीखी नोकझोंक चलती रही, जब मतदान से ठीक 90 दिन पहले कांग्रेस ने अघोषित रूप से सपा के साथ गठबंधन तोड़ दिया. सपा ने तब 60 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था. अखिलेश ने मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर प्रचार किया था, राज्य में 30 से अधिक सार्वजनिक बैठकों और रोड शो को संबोधित किया था.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने क्या कहा?
यूपीसीसी प्रमुख अजय राय ने कहा कि परिणाम ने एक तरह से साबित कर दिया है कि कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी है, जो बीजेपी को हरा सकती है. तेलंगाना जीतने के अलावा कांग्रेस ने बाकी राज्यों में 40 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल किए हैं. इससे पता चलता है कि कांग्रेस ही एकमात्र ताकत है जो बीजेपी को हरा सकती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस 2024 का लोकसभा चुनाव पूरी ताकत से लड़ेगी.
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