UP Politics: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) गुरुवार को उत्तर प्रदेश स्थित हाथरस (Hathras News) पहुंचे. यहां उन्होंने रेप पीड़िता के परिजनों से मुलाकात की. रेप पीड़िता के परिजनों ने रायबरेली सांसद राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी थी. इसके बाद राहुल ने हाथरस का दौरा किया. अब राहुल के इस हाथरस दौरे के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.
राजनीतिक जानकारों की मानें तो कांग्रेस, उन मुद्दों पर ज्यादा एक्टिव है जिनकी पिच, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने तैयार की है. मामला हाथरस का हो या संभल (Sambhal News) का. चाहे बहराइच का मुद्दा हो. सपा ने इन मुद्दों पर योगी सरकार को सड़क से संसद तक घेरा लेकिन जब सपा इन मुद्दों पर शांत हुई तो कांग्रेस ने एकला चलो की नीति अपनाते हुए इसी पिच पर सियासत को धार देने की कोशिश में लग गई है.
दावा है कि पहले संभल जाने की कोशिश करना और न जा पाने पर पीड़ितों से दिल्ली में मुलाकात करना और फिर हाथरस में परिजनों से मुलाकात करने के माध्यम से कांग्रेस अपनी नींव यूपी में मजबूत करने की कोशिश में है. इसके जरिए एक ओर कांग्रेस, सपा को यह संदेश देने की कोशिश में भी है कि उसे कमजोर न आंका जाए दूसरी ओर वह अपनी सांगठनिक स्थिति को भी मजबूत कर रही है, ताकि चुनाव के वक्त वह अपनी बात अलायंस में दमदारी से रख सके.
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ऐसे में दिल्ली में संभल के पीड़ितों से मिलने का फैसला हो या हाथरस के दौरे पर जाने का, कांग्रेस ने बिना कुछ कहे संकेतों में ही सपा और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
क्या है कांग्रेस का दावा?
पार्टी की कोशिश है कि साल 2027 के चुनाव के पहले पार्टी, दलित और संविधान के मुद्दे को बरकरार रखा जाए. सियासी जानकारों का दावा यह भी है कि संभल और हाथरस के मुद्दे के जरिए कांग्रेस, समाजवादी पार्टी के वोट बैंक पर नजर डाल रही है.
हालांकि सियासी जानकारों के दावों से कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत इत्तफाक नहीं रखते. यह पूछे जाने पर कि क्या सपा को वोट बैंक पर कांग्रेस की नजर है, प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है. हर काम को सांप्रदायिकता और वोट के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हाथरस में कौन सा वोट बैंक है. सच बात यह है कि जनता के मुद्दों पर बात करना और लड़ना ये कांग्रेस के डीएनए में है. कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी निभा रही है. नेता विपक्ष इसी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं.
संभल और हाथरस के जरिए कांग्रेस खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रही है, क्या कांग्रेस सपा की बनाई पिच पर सियासत खेलने की कोशिश कर रही है? इस सवाल पर राजपूत ने कहा कि चुनाव और समाज की राजनीति अलग है. चुनाव के लिए हम अपने प्रदेश अध्यक्ष की अगुवाई में हर जगह जा रहे हैं. हाथरस के दौरे को राजनीतिक चश्मे से देखना उचित नहीं है.