कांवड़ यात्रा पर योगी सरकार के आदेश पर विवाद, दिनेश शर्मा बोले- असदुद्दीन ओवैसी में है जिन्ना की आत्मा
असदुद्दीन ओवैसी ने नेम प्लेट के मामले को‘भेदभावपूर्ण’ आदेश करार दिया और आरोप लगाया कि यह दर्शाता है कि सरकार उत्तर प्रदेश और पूरे देश में मुसलमानों को ‘दूसरे दर्जे’ का नागरिक बनाना चाहती है।
Kanwar Yatra News: उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के मद्देनजर दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के फैसले पर एआईएमआईएम नेता और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर भारतीय जनता पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी में जिन्ना की आत्मा घुस गई है. कांवड़ यात्रा पर राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि कांवड़ यात्रा के कुछ नियम और संयम है उसका पालन होना चाहिये. दुकान पर नाम लिखने का आदेश सरकार का यह स्वागत योग्य कदम है. दुकान का जो वास्तविक नाम है वह लिखना होगा. हिन्दू और मुसलमान मिलकर चलें.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित ढाबों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के लिए जारी किए गए परामर्श को लेकर भाजपा नीत उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस संबंध में लिखित आदेश जारी करने की चुनौती दी.
यह संविधान के अनुच्छेद 17 का उल्लंघन- ओवैसी
हैदराबाद के सांसद ने इसे स्पष्ट रूप से ‘भेदभावपूर्ण’ आदेश करार दिया और आरोप लगाया कि यह दर्शाता है कि सरकार उत्तर प्रदेश और पूरे देश में मुसलमानों को ‘दूसरे दर्जे’ का नागरिक बनाना चाहती है.
ओवैसी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम इसकी (मौखिक आदेश की) निंदा करते हैं. यह संविधान के अनुच्छेद 17 का उल्लंघन है, जिसमें अस्पृश्यता की बात कही गई है. उत्तर प्रदेश सरकार अस्पृश्यता को बढ़ावा दे रही है. आदेश दिए जाने के बाद से मुजफ्फरनगर में ढाबों के मालिकों ने मुस्लिम कर्मचारियों को हटा दिया है. यह मुसलमानों के साथ स्पष्ट भेदभाव है. संविधान की भावना को ठेस पहुंचाई जा रही है. यह जीवन के अधिकार और आजीविका के अधिकार के खिलाफ है.’’
एआईएमआईएम प्रमुख ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनौती दी कि अगर उनमें हिम्मत है तो वह इस पर लिखित आदेश जारी करें. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर मुसलमानों के प्रति नफरत रखने का आरोप लगाते हुए ओवैसी ने दावा किया कि वे लगातार हिंदुत्व की विचारधारा को लागू कर रहे हैं और यह उनकी बड़ी ‘योजना’ का कार्यान्वयन है.
उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से हिंदुत्ववादी संगठन मुसलमानों के ‘सामाजिक बहिष्कार’ का आह्वान कर रहे हैं और अब यही उत्तर प्रदेश में हो रहा है.