UP Politics: समाजवादी पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब मंत्री का उत्तर उन्हें समझ नहीं आया तो भला किसानों को क्या समझ आएगा. इस पर चौहान ने कहा कि आश्चर्य है कि सदस्य को उत्तर नहीं समझ नहीं आया. कृषि मंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘किसान समझदार हैं.’’


सदन में प्रश्नकाल में पूरक प्रश्न पूछते हुए उत्तर प्रदेश के चंदौली से लोकसभा सदस्य सिंह ने फसल बीमा योजना के संबंध में कृषि मंत्री के लिखित उत्तर का हवाला दिया और कहा, ‘‘मेरा सीधा सवाल था कि फसल बीमा योजना किसानों को आसान तरीके से कैसे मिलेगी. जब माननीय मंत्री जी का उत्तर मुझे समझ नहीं आया तो किसानों को क्या आएगा.’’ इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि उनका प्रश्न क्या है?


सपा सांसद ने कहा, ‘‘मैं अपनी पीड़ा आपके सामने रख रहा हूं. आप संरक्षक हैं.’’ सिंह के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए कृषि मंत्री चौहान ने कहा, ‘‘माननीय सदस्य का सम्मान करता हूं. अगर ऐसा उत्तर समझ नहीं आया तो मुझे आश्चर्य है कि फिर कैसा उत्तर दूं...लेकिन किसान समझदार हैं.’’


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मुझे छेड़ोगे तो छोडूंगा नहीं- शिवराज
इससे पहले सोमवार राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को किसानों की आत्महत्या को लेकर कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा.


उन्होंने विपक्ष पर भड़कते हुए कहा कि मैंने कहा था कि मुझे छेड़ोगे तो छोडूंगा नहीं. जब कांग्रेस अलग-अलग राज्यों में सत्ता में थी, तब किसान मारे गए थे. इनके सामने दिग्विजय सिंह बैठे हैं, इनके हाथ खून से सने हैं. 24-24 किसानों को मारा गया.


केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में कांग्रेस शासन के दौरान हुए गोलीकांड को ग‍िनाते हुए कहा कि साल 1986 में जब कांग्रेस की सरकार बिहार में थी, तब गोलीबारी में 23 किसान मारे गए थे. 1988 में दिल्ली में इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर गोली चलाई गई थी, उसमें दो किसान मारे गए थे. 1988 में ही मेरठ में किसानों पर गोलीबारी हुई थी और 5 किसान मारे गए थे, 23 अगस्त 1995 में हरियाणा में इनकी सरकार ने गोली चलाई थी, जिसमें 6 किसान मारे गए थे. 19 जनवरी 1998 को मुलताई, एमपी में क‍िसानों पर गोली चली, कांग्रेस की सरकार थी, 24 क‍िसान मारे गए.