Milkipur Bypoll 2025: उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या में मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है. वहीं आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने प्रत्याशी उतार कर चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है. इस बीच बाबरी मामले में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए जनता से बड़ी अपील की है.


उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में अपील की है.उन्होंने कहा कि  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देन है कि आज अयोध्या संवर रही है. लोग अयोध्या को देखें और मिल्कीपुर में योगी का ख्याल रखें. बता दें बीजेपी और सपा दोनों ने इस क्षेत्र में दलितों की प्रमुख उपजाति पासी समाज के नेता को उम्मीदवार बनाया है.


क्या है मिल्कीपुर सीट का समीकरण?
मिल्कीपुर आरक्षित विधानसभा सीट है, जहां 3.58 लाख मतदाताओं में से 1.40 लाख दलित हैं. दलित मतदाताओं में से करीब 50,000 पासी समुदाय से हैं, जबकि कोरी और जाटव का अच्छा-खासा वोट बैंक है. इस विधानसभा क्षेत्र में करीब 50,000 ओबीसी, 60,000 ब्राह्मण, 50,000 यादव, 30,000 मुस्लिम और 25,000 राजपूत मतदाता हैं. नामांकन पत्र वापस लेने की तिथि समाप्त होने के बाद मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए दस उम्मीदवार मैदान में रह गए हैं.इस सीट पर दलित वोट बैंक निर्णायक स्थिति में है, ऐसे में बीजेपी और सपा दोनों ही दल बसपा की अनुपस्थिति में इस वोट बैंक को अपने पाले में लाने की जुगत में हैं.


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साल 2022 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने बीजेपी उम्मीदवार बाबा गोरखनाथ को 13,338 मतों से हराया था.लोकसभा चुनाव 2024 में फैजाबाद सीट से अवधेश प्रसाद ने सपा के बैनर तले जीत का परचम लहराया था, जिसके बाद मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. समाजवादी पार्टी ने सांसद अवधेश प्रसाद के पुत्र अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है, जबकि बीजेपी ने चंद्रभानु पासवान पर दांव खेला है. बसपा ने उपचुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है. ऐसे में बसपा का वोट किधर जाता है, इस पर भी सभी की नजरें रहेंगी.आपको बता दें मिल्कीपुर में पांच फरवरी को मतदान होगा जबकि आठ फरवरी को नतीजे आएंगे.