Jayant Chaudhary News: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले उत्तर प्रदेश में बड़ा सियासी भूचाल आने के संकेत मिल रहे हैं, जो समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) समेत पूरे 'इंडिया' गठबंधन (INDIA) के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा. सोमवार को राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल पर बहस हुई, जिसमें पक्ष-विपक्ष के बीच जोरदार बहस देखने को मिली. दोनों पक्षों की बहस के बाद शाम को इस बिल पर वोटिंग हुई, लेकिन इस दौरान सपा की सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने एक ऐसा कदम उठाया, जिससे आने वाले दिनों में सपा की मुसीबतें बढ़ सकती है. 


राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल पर वोटिंग के दौरान आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी सदन में मौजूद ही नहीं थे, उन्होंने बिल पर वोटिंग से एब्स्ट्रेन किया. सदन में चौधरी की गैरमौजूदगी अब चर्चा का विषय बन गई है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि जयंत चौधरी सदन में मौजूद नहीं थे. वो भी ऐसे समय में जब बीजेपी के विरोध में बने गठबंधन 'इंडिया' को अपनी मजबूती दिखानी थी. इसे इंडिया गठबंधन की अग्निपरीक्षा के तौर पर भी देखा जा रहा था. हालांकि जयंत के करीबी ने कुछ और ही दावा कर रहे हैं.  


राज्यसभा में जयंत के इस कदम ने किया परेशान


जयंत चौधरी के करीबी का कहना है कि आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी को कुछ जरूरी काम था, जिसकी वजह से वो राज्यसभा में वोटिंग के दौरान शामिल नहीं हो पाए, लेकिन ये तर्क किसी के गले से उतर नहीं रहा है. जाहिर है कि सियासी गलियारों में जयंत को लेकर कई तरह के सवाल उठने शुरू हो गए हैं. 


बीजेपी के संपर्क में हैं जयंत चौधरी!


सूत्रों के मुताबिक जयंत चौधरी इन दिनों बीजेपी के संपर्क में हैं. जयंत ने यूपी में पांच लोकसभा सीटों की मांग की है. हालांकि बीजेपी उन्हें तीन सीटें देने को तैयार है. बस इसी बात पर पेंच फंसा हुआ है. बीजेपी पिछले काफी समय से जयंत को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही थी. बीजेपी का मानना है कि अगर जयंत एनडीए में आ जाते हैं तो जाट मतदाताओं की मदद से पश्चिमी यूपी में भी क्लीन स्वीप की जा सकती है. 


जयंत चौधरी अगर एनडीए में शामिल हो जाते हैं तो समाजवादी पार्टी के लिए ये किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा. ऐसे में यूपी में बीजेपी के खिलाफ इंडिया गठबंधन की लड़ाई और कमजोर हो जाएगी. जयंत चौधरी इंडिया गठबंधन की पहली बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे, तभी से उनके बीजेपी के संपर्क में होने के कयास लगाए जा रहे थे हालांकि, कर्नाटक में हुई दूसरी बैठक में वो जरूर पहुंचे थे, लेकिन अब राज्यसभा में जिस तरह वो वोटिंग से दूर रहे उसने विपक्षी खेमे में हलचल जरूर मचा दी है. 


Ram Mandir: राम मंदिर के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मांगी एफसीआरए की मंजूरी, जानें- क्या है मामला