UP Politics: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एक देश, एक चुनाव’ को लागू करने संबंधी विधेयकों को मंजूरी दे दी और मसौदा कानून मौजूदा शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किए जाने की संभावना है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया.


सरकार विधेयकों पर व्यापक विचार-विमर्श करने की इच्छुक है जिन्हें संसदीय समिति को भेजे जाने की संभावना है. सूत्रों ने कहा कि सरकार समिति के माध्यम से विभिन्न राज्य विधानसभाओं के अध्यक्षों से भी परामर्श करने की इच्छुक है.


अब इसको लेकर समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने बड़ा दावा किया है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर आईपी सिंह ने लिखा- आज एक महत्वपूर्ण घटना क्रम में मोदी कैबिनेट ने आज "वन नेशन वन इलेक्शन " बिल को मंजूरी दे दी.  संसद में पास होते ही कानूनी तौर पर लागू हो जायेगा. एक अनुमान के मुताबिक 2026-27 में यूपी चुनाव के साथ लोकसभा का चुनाव मोदी जी करा सकते हैं. जनगणना और परिसीमन के बाद ही यह संभव हो सकता है. जिसमें पेच फंसा हुआ है महिलाओं को 33% आरक्षण का कानून पास हो चुका है जबतक ये सब नहीं हो जाता एक साथ चुनाव कराना असंभव नजर आता है.




क्या है सरकार की योजना?
सरकार ने ‘एक देश, एक चुनाव’ योजना पर आगे बढ़ते हुए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव चरणबद्ध तरीके से एक साथ कराने के वास्ते उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को सितंबर में स्वीकार कर लिया था. सूत्रों ने उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों का हवाला देते हुए कहा था कि प्रस्तावित विधेयकों में से एक में नियत तिथि से संबंधित उप-खंड (1) जोड़कर अनुच्छेद 82ए में संशोधन करने का प्रस्ताव है. इसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल को एक साथ समाप्त करने से संबंधित अनुच्छेद 82ए में उप-खंड (2) शामिल करने का भी प्रयास किया जाएगा.


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इसमें अनुच्छेद 83(2) में संशोधन करने और लोकसभा की अवधि एवं उसे भंग करने से संबंधित नए उप-खंड (3) और (4) सम्मिलित करने का भी प्रस्ताव है. इसमें विधानसभाओं को भंग करने और ‘एक साथ’ चुनाव शब्द को सम्मिलित करने के लिए अनुच्छेद 327 में संशोधन करने से संबंधित प्रावधान भी हैं.