UP Politics: मायावती ने कांग्रेस पर लगाया अंबेडकर की उपेक्षा का आरोप, कहा- बुरे दिनों में दलितों को बनाया बलि का बकरा
UP Politics: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि इतिहास गवाह है कांग्रेस ने आजतक दलितों का तिरस्कार किया.
UP Politics: पूर्व केंद्रीय मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे भारी मतों से चुनाव जीतकर कांग्रेस के नए अध्यक्ष बन गए हैं. बड़ी बात यह है कि कांग्रेस को 24 साल बाद गैर-गांधी अध्यक्ष मिला है और पूरे 51 साल बाद दलित अध्यक्ष. ऐसे में कहा जा सकता है कि खड़गे पर अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दूसरों के मुताबिक, ज्यादा बढ़ जाती है. पार्टी को नया अध्यक्ष मिलने की बधाई दूसरी पार्टियों ने भी दी, लेकिन इसी बीच बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने इसको लेकर कांग्रेस पर बड़ा निशाना साधा है.
मायावती ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से पोस्ट कर लिखा है कि इतिहास गवाह है, कांग्रेस ने दलितों और उपेक्षितों का हमेशा तिरस्कार किया है. मायावती कहती हैं कि कांग्रेस ने परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और उनके समाज की हमेशा उपेक्षा ही की है. बसपा सुप्रीमो का आरोप है कि राहुल गांधी-प्रियंका गांधी की यह पार्टी अपने अच्छे समय में दलितों की सुरक्षा और सम्मान को याद नहीं करती. बल्कि, अपने कठिन समय में दलितों को बलि का बकरा बना देती है.
कांग्रेस को बताया छलावा करने वाली पार्टी
मायावती ने आगे कहा कि कांग्रेस ने अपने अच्छे दिनों के लंबे समय में ज्यादातर गैर-दलितों को सत्ता से बाहर रखा. लेकिन, अपने बुरे दिनों में दलितों को आगे रखना याद आ जाता है. बसपा मुखिया ने सवाल किया है कि यह छलावे वाली राजनीति नहीं है? जनता का सवाल है कि क्या यही कांग्रेस का दलितों के प्रति वास्तविक प्रेम है?
आपको बता दें, कांग्रेस ने 19 अक्टूबर को अपना नया अध्यक्ष चुन लिया है. 80 वर्षीय मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नए अध्यक्ष बने हैं. पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए खड़गे और शशि थरूर का मुकाबला था. जब नतीजे सामने आए तो मल्लिकार्जुन खड़गे ने भारी मतों से जीत हासिल की. खड़गे को 7897 वोट मिले, जबकि शशि थरूर को केवल 1072 वोट में संतुष्ट होना पड़ा. जानकारी के लिए बता दें कि इस अध्यक्ष के चुनाव में कुल 9497 वोट पड़े थे.
बड़ी बात यह थी कि कई साल बाद इस बार कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए गांधी परिवार के किसी भी सदस्य ने दावेदारी पेश नहीं की. ऐसे में पूरे 24 साल बाद कांग्रेस को गैर-गांधी अध्यक्ष मिला है. इससे पहले सीताराम केसरी थे, जो गांधी परिवार से बाहर होने के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष बने थे.
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