UP Politics: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश के कुछ नेताओं को आस्तीन का सांप और थाली का बैगन बताया है. हालांकि यूपी की पूर्व सीएम ने किसी का नाम नहीं लिया है. स्वलिखित बुकलेट में बसपा चीफ ने दलित मूवमेंट का जिक्र करते हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. 


बसपा चीफ ने बीजेपी और कांग्रेस का जिक्र करते हुए लिखा है- कांग्रेस व भाजपा आदि द्वारा सीधे तौर पर घिनौने हथकण्डे अपनाने के साथ ही साथ दलितों / बहुजनों की आपसी एकता, एकजुटता व इनकी राजनीतिक शक्ति को बाँटने के लिए अप्रत्यक्ष तौर पर इन वर्गों में से स्वार्थी नेताओं तथा इनके माध्यम से बनाये गये अनेकों संगठनों व दलों आदि को मजबूत करके उन्हें हर प्रकार से प्रोत्साहित करना जारी रखा हुआ है.


'ये लोग न घर के रह जाते हैं न घाट के...'
पूर्व सांसद ने लिखा- इनका मुख्य उद्देश्य खासकर चुनाव के समय में दलित / बहुजनों के वोटों की ताकत को बांटकर बी.एस.पी. व इसके "सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक गुक्ति के मानवतावादी 'मूवमेन्ट" को नुकसान पहुँचाना है, लेकिन यह जरूर है कि बहुजन समाज ऐसे लोगों को स्वीकार नहीं करता है और तब ये गुलाम मानसिकता रखने वाले स्वार्थी लोग थोड़ा सा वक्ती लाभ पा लेने के बाद थाली के बैगन की तरह इधर-उधर भटकते रहते हैं तथा फिर ये लोग न घर के रह जाते हैं न घाट के.


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बसपा नेता ने लिखा कि चूँकि यूपी व पूरे देश भर में ऐसे आस्तीन का साँप बने लोगों व इनके संगठनों और दलों की काफी भरमार है, ऐसे में समस्त दलितों, पिछड़ों एवं अन्य बहुजनों से यही कहना है कि परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर व बहुजन नायक मान्यवर श्री कांशीराम जी का नाम लेकर तथा उनके अनुयाइयों को बाँटकर उनके कारवाँ को आगे बढ़ने से रोकने व कमजोर करने वाले, ऐसे स्वार्थियों से ज़रूर सावधान रहें और उन्हें कतई पनपने न दें.


पूर्व सीएम ने लिखा- ऐसा करते समय दलितों / बहुजनों को परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का यह आहह्वान जरूर याद रखना है जिसमें उन्होंने कहा था कि, मैं बड़ी मुसीबतों व दुःख-तकलीफें सह कर इस मिशन को यहाँ तक ला पाया हूँ. मेरे अनुयाई अगर इसे आगे नहीं बढ़ा सकते हैं तो कम से कम इसे पीछे न ढकेलें.