(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कांग्रेस की राह पर चल कर यूपी में राहुल गांधी की मुश्किल बढ़ा रहीं मायावती! हरियाणा से बसपा दे रही ये संदेश
लोकसभा चुनाव में Uttar Pradesh में 6 सीटें जीतने वाली कांग्रेस अब आक्रामक रुख अख्तियार कर रही है. इस बीच BSP चीफ मायावती कांग्रेस की रणनीति ही विपक्ष के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है.
UP Politics: लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान सियासी पंडितों के दावों को खारिज करते हुए जनता ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Congress) की झोली में 6 सीटें डाल दीं. जानकारों का दावा है कि बिना समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सहयोग के यह असंभव था. खुद कांग्रेस भी इसके लिए सपा का शुक्रिया अदा करती है. लोकसभा चुनाव के बाद से ही कांग्रेस लगातार कह रही है कि राज्य में सपा के साथ उसका इंडिया अलायंस टूटेगा नहीं. 6 सीटों की जीत से उत्साहित कांग्रेस ने सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (BJP) को निशाने पर ले रही है बल्कि बहुजन समाज पार्टी (BSP) को भी जनता की अदालत के कटघरे में खड़ी कर रही है. अब बसपा चीफ मायावती (Mayawati) ने कांग्रेस को उसी की रणनीति के आधार पर पटखनी देने की तैयारी कर ली है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव में दमखम के साथ चुनाव लड़ रही बसपा चुनावी राज्य के जरिए यूपी के लिए भी सियासी संदेश देने में पीछे नहीं है. जिस आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस, बीजेपी को घेरने और बसपा के वोटबैंक को अपने पाले में लाने की कोशिश में है, अब बसपा ने उसके जरिए ही चोट की है. लोकसभा चुनाव के दौरान सपा और कांग्रेस के इंडिया अलायंस ने आरोप लगाया कि अगर बीजेपी वापस सत्ता में आई तो वह आरक्षण खत्म कर देगी. इसके अलावा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और सपा चीफ अखिलेश यादव हर सभा में संविधान का मुद्दा उठाते थे.
उपचुनाव और विधानसभा चुनाव के लिए बसपा सजग
लोकसभा चुनाव के लिए 4 जून को आए परिणाम में असर यह दिखा कि बसपा का यूपी में सियासी सफर एक बार फिर साल 2014 की तरह 0 पर अटक गया. वहीं सपा ने अपना 15 साल रिकॉर्ड तोड़ा और कांग्रेस को संजीवनी मिला.
अब 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव और साल 2027 में प्रस्तावित यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर मायावती और बसपा सजग है. उपचुुनाव के लिए बसपा लगातार लखनऊ में बैठक कर रही है. अवध से बसपा चीफ यूपी के पूरब और पश्चिम को हर स्तर पर मथ रहीं हैं. कहीं प्रभारी नियुक्त किए जा रहे हैं तो कहीं जिलाध्यक्ष और कोआर्डिनेटर्स की जिम्मेदारियां तय की जा रहीं हैं. इतना ही नहीं हरियाणा चुनाव के जरिए मायावती ने जनता से यहां तक अपील कर दी कि कांग्रेस और बीजेपी को मतदान कर के वोट खराब न करें.
मायावती ने क्या लिखा?
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर सिलसिलेवार पोस्ट किये. उन्होंने लिखा कि हरियाणा में हो रहे विधानसभा आमचुनाव के दौरान भी कांग्रेस द्वारा दलितों की लगातार की जा रही उपेक्षा व तिरस्कार से यह साबित है कि पार्टी में जब अभी सब कुछ ठीक नहीं है, गलत है तो आगे क्या होगा? ऐसे में दलित समाज के लोग कांग्रेस व बीजेपी आदि को अपना वोट देकर इसे खराब न करें.
पूर्व सांसद ने लिखा- वैसे भी हमेशा आरक्षण विरोधी रही कांग्रेस के नेता अब आरक्षण को समय आने पर खत्म करने की बात करते हैं. अतः दलित अपना वोट एकतरफा तौर पर बीएसपी को ही दें क्योंकि यही पार्टी उनके हित व कल्याण की सुरक्षा तथा संवैधानिक हक दिलाकर उन्हें शासक वर्ग बनाने के लिए लगातार संघर्षरत है.
बसपा सुप्रीमो ने लिखा- साथ ही, जम्मू-कश्मीर में दलित वर्ग के लोगों को भी वहाँ कांग्रेस, भाजपा व अन्य किसी भी गठबंधन आदि के मिथ्या वादे व अन्य बहकावे आदि में नहीं आना है बल्कि इनके दलित विरोधी इतिहास को ध्यान में रखते हुए अपना कीमती वोट एकतरफा तौर पर बीएसपी को ही दें, यही सभी से पुरज़ोर अपील.