Rahul Gandhi Video: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को भारत जोड़ो यात्रा का एक वीडियो शेयर किया था. इसमें वह कुछ लोगों को मार्शल आर्ट के गुर सिखा रहे थे. अब इस वीडियो पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने टिप्पणी की है.


सोशल मीडिया साइट एक्स पर मायावती ने लिखा- पेट भरे लोगों के लिए दोजा व अन्य खेलकूद के महत्व से किसी को इंकार नहीं, लेकिन गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व पिछड़ेपन आदि के त्रस्त जीवन से जूझ रहे उन करोड़ों परिवारों का क्या जो पेट पालने हेतु दिन-रात कमरतोड़ मेहनत को मजबूर हैं. ’भारत डोजो यात्रा’ क्या उनका उपहास नहीं


बसपा सुप्रीमो ने लिखा- केन्द्र व राज्य सरकारें देश के करोड़ों गरीबों व मेहनतकश लोगों को सही व सम्मानपूर्वक रोटी-रोजी की व्यवस्था कर पाने में अपनी विफलता पर पर्दा डालने के लिए उनसे भूखे पेट भजन कराते रहना चाहती है, किन्तु विपक्षी कांग्रेस का भी वैसा ही जनविरोधी रवैया जनता को कैसे गवारा संभव है? 


पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा- कांग्रेस एवं इनके इण्डी गठबंधन ने आरक्षण व संविधान बचाने के नाम पर एससी, एसटी व ओबीसी का वोट लेकर अपनी ताकत तो बढ़ा ली, किन्तु अपना वक्त निकल जाने पर उनके भूख व तड़प को भुलाकर उनके प्रति यह क्रूर रवैया अपनाना क्या उचित? खेल का राजनीतिकरण हानिकारक जो अब और नहीं.


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राहुल ने कहा था- शुरू हो रही ‘भारत डोजो यात्रा’
बता दें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को मार्शल आर्ट से संबंधित एक वीडियो जारी किया और कहा कि जल्द ही ‘भारत डोजो यात्रा’ शुरू हो रही है. ‘डोजो’ आमतौर पर मार्शल आर्ट के लिए एक प्रशिक्षण कक्ष या स्कूल को कहा जाता है. उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर जो वीडियो साझा किया है वो इस साल की शुरुआत में निकाली गई ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के समय का है. वीडियो में वह कई बच्चों के साथ मार्शल आर्ट की बारीकियां साझा करते नजर आ रहे हैं.


राहुल गांधी ने इस वीडियो के साथ पोस्ट किया, ‘‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान, जब हमने हजारों किलोमीटर की यात्रा की तो हर शाम अपने विश्राम स्थल पर जिउ-जित्सु का अभ्यास करने की हमारी दैनिक दिनचर्या थी. फिट रहने के एक सरल तरीके के रूप में जो शुरू हुआ वह तेजी से एक सामुदायिक गतिविधि में बदल गया.’’ उनका कहना था, ‘‘हमारा लक्ष्य इन युवाओं को ध्यान, जिउ-जित्सु, ऐकिडो और अहिंसक संघर्ष की तकनीकों के सामंजस्यपूर्ण मिश्रण ‘जेंटल आर्ट’ की सुंदरता से परिचित कराना था. हमारा उद्देश्य उनमें हिंसा को सज्जनता में बदलने का मूल्य पैदा करना, उन्हें अधिक दयालु और सुरक्षित समाज बनाने के लिए औजार मुहैया कराना था.’’


उन्होंने कहा कि वह लोगों के साथ राष्ट्रीय खेल दिवस पर अपना अनुभव साझा करना चाहते हैं, उम्मीद है कि उनमें से कुछ लोग ‘‘सौम्य कला’’ का अभ्यास करने के लिए प्रेरित होंगे. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ भारत डोजो यात्रा जल्द ही आ रही है.’’ गांधी ने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ शुरुआत 14 जनवरी को मणिपुर से की थी जिसका दो महीने के बाद मुंबई में समापन हुआ था. हालांकि इससे पहले की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में उन्होंने कन्याकुमारी से श्रीनगर तक पदयात्रा की थी.