UP Politics: उत्तर प्रदेश स्थित सहारनपुर से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद ने नेम प्लेट वाले विवाद पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि सवाल नाम का नहीं बल्कि नफरत का है. देश में नफरत नहीं चल सकता है. 70 प्रतिशत से ज्यादा लोग आरएसएस के विचाराधारा से सहमत नहीं है.  उन्होंने कहा कि आज आप धर्म के नाम पर पहचान पूछ रहे हैं,कल आप जाति के नाम पर पहचान पूछने लगेंगे. आप आखिर समाज को कहां ले जाना चाहते हो.'


इसके साथ ही मुरादाबाद से सांसद रुचि वीरा ने कहा कि योगी सरकार और मोदी सरकार नाम लिखा कर मुस्लिम को परेशान कर रही है. जब उनसे सवाल किया गयाकि जब राम लिखना सही है तो रहीम लिखना ग़लत क्यों?  इस पर रुचि वीरा ने कहा कि हम तो कह रहे है दोनों गलत है दुकान का नाम  लिखना काफी है. बाकी ही गलत है.


समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव ने कहा, "सरकार नेम प्लेट के जरिए अपनी नाकामियों को छिपाने की कोशिश कर रही है. इसके बजाय उन्हें रोजगार, महंगाई, गरीबी और बढ़ते बुनियादी ढांचे पर बात करनी चाहिए. उन्हें उन नीतियों पर बात करनी चाहिए जो लोगों के कल्याण के लिए लाई जा सकती हैं."


उधर, उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर 'नेमप्लेट' लगाने के निर्देश पर भाजपा सांसद अरुण गोविल ने कहा कि मुझे इसमें कोई समस्या नहीं दिख रही है. जो हुआ है ठीक हुआ है.'


इन सबके बीच समाजवादी पार्टी के नेता फखरुल हसन चांद ने कहा कि समाजवादी पार्टी और इंडिय गठबंधन जनता से जुड़े सभी महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाएगा. अगर कोई हिंदू और मुसलमानों को बांटने की कोशिश करेगा या बेरोजगारों, गरीबों और छात्रों को धोखा देगा तो समाजवादी पार्टी और भारत गठबंधन राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी जरूर निभाएगा.' 


नेम प्लेट विवाद पर फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद बोले- यह फैसला खतरनाक