UP Politics: यूपी विधानसभा चुनाव में हार के बाद सपा से मुस्लिमों का हुआ मोहभंग?
यूपी की राजनीति में सियासी हलचल तेज है. प्रदेश में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी सपा की बात करें तो हर तरफ एक ही सवाल है कि क्या मुसलमानों का समाजवादी पार्टी से मोहभंग हो गया है?
UP Akhilesh Yadav News: यूपी की राजनीति में चुनाव के बाद भी सियासी हलचल जारी है और दल बदल को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही हैं. सबसे बड़ा सवाल यह उठाया जा रहा है कि क्या मुसलमानों का अखिलेश यादव से मोहभंग हो गया है? मुस्लिम नेताओं की ओर से इसे लेकर बयान भी सामने आ रहे हैं. कई नेता सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान पर हो रही कार्रवाई से नाराज हैं और वो खुले तौर पर यह कहते हुए देखे गये हैं कि ऐसे मौकों पर भी अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) चुप्पी साध रहे हैं. नेताओं की सपा से नाराजगी खुलकर सामने आ रही है.
मुस्लिम समुदाय ने चुनाव में खुलकर सपा को दिया समर्थन
अंग्रेजी अखबार द हिंदू के मुताबिक जेल में बंद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता आजम खान पर उत्तर प्रदेश में उनके समर्थकों के साथ-साथ अन्य मुस्लिम नेताओं द्वारा असंतोष की अभिव्यक्ति ने अल्पसंख्यक समुदाय के भीतर बढ़ती निराशा को सामने लाया है. खासकर अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा के प्रति.
2022 के विधानसभा चुनाव में यूपी के मुसलमानों ने सपा के पक्ष में एक जुटता दिखाई थी. यूपी में मुस्लिमों की आबादी करीब 19.5 फीसदी है. मुस्लिम समुदाय ने चुनाव में खुलकर सपा को समर्थन दिया था. लखनऊ के रहने वाले कवि सैफ बाबर ने कहा कि यूपी चुनाव में बीजेपी को टक्कर देने वाली पार्टी के रूप में समाजवादी पार्टी दिखी. इस कारण हमने सपा को वोट दिया.
बाबर ने कहा “इसे उनका डर या समझदारी कहें, बिना किसी नेता या समुदाय के मौलवी के सीधे बुलावे के, मुसलमानों ने सपा को वोट दिया जैसा पहले कभी नहीं था. यहां तक कि मेरे जैसे (सपा के आलोचक) व्यक्ति ने जाकर उसे वोट दिया,”. उनका कहना है कि आम मुसलमानों ने लंबे समय से महसूस किया है कि गैर-बीजेपी दलों ने उनके हितों की अनदेखी की है.
बीजेपी से नहीं है शिकायत
बाबर ने कहा कि गैर-बीजेपी दलों ने हमारे हितों की अनदेखी की. इसके बाद भी बीजेपी को हराने में जो सबसे अधिक सक्षम दिखा, उसे वोट कर दिया. वे कहते हैं “मुसलमान किसी पार्टी की योग्यता के आधार पर वोट नहीं देते”.
बाबर कहते हैं कि मुसलमानों को भाजपा सरकार के तहत किसी भी प्रतिनिधित्व की उम्मीद नहीं करनी चाहिए, लेकिन यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिन पार्टियों को उन्होंने वोट दिया है, वे उनके मूल्य को समझें. वे कहते हैं ''हमें बीजेपी से कोई शिकायत नहीं है. हमने इसे खारिज कर दिया. लेकिन हमें उन पार्टियों से नाराजगी है, जिन्हें हमने बड़ी संख्या में वोट दिया, लेकिन वे अभी भी हमें अपनी पार्टी में सी-ग्रेड के लोगों की तरह मानते हैं''.
यूपी में अब सवाल ये है
26 महीने से जेल में बंद आजम खान के एक करीबी ने कहा कि सपा और उसके शासक परिवार से मोहभंग हो गया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुस्लिम का सवाल अब शिक्षा या विकास के बारे में नहीं है. उन्होंने कहा "अब हम एक ऐसे चरण में हैं जहां हम क्या पहनते हैं, खाते हैं, सड़क पर कैसे चलते हैं, कैसे नमाज अदा करते हैं और अज़ान कैसे सुनी जाती है, सब कुछ सरकार तय कर रही है.
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