Rampur News: उत्तर प्रदेश स्थित सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विधायक और पूर्व सांसद व पूर्व मंत्री आजम खान  (Azam Khan) ने आज समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के निर्देश पर उनसे जेल में मिलने आए प्रतिनिधिमंडल को वापस भेज दिया और अपनी बीमारी की बात कहते हुए मुलाकात करने से इनकार कर दिया.


3 दिन पहले प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने सीतापुर जेल में आजम खान से मुलाकात की थी और 20 अप्रैल को रालोद नेता जयंत चौधरी ने रामपुर पहुंचकर आजम खान के परिवार से मुलाकात की थी. इतना ही नहीं आजाद सपा के प्रदेश अध्यक्ष ने भी रामपुर में अब्दुल्लाह आजम से मुलाकात की थी लेकिन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रतिनिधि मंडल से आजम खान ने मुलाकात नहीं की. 


फसाहत खान के बयान से ही दिखी नाराजगी!
जब से आजम खान के मीडिया प्रभारी फसाहत खान उर्फ शानू ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ बयान देते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की थी तभी से माना जा रहा था कि आजम खान के परिवार ने समाजवादी पार्टी से अब बगावत करने का मन बना लिया है. फसाहत खान के बयान के बाद से समाजवादी पार्टी में एक के बाद एक कई इस्तीफे सपा नेताओं के आजम खान के समर्थन में देखने को मिले. कई नेताओं की आजम परिवार से मुलाकात इस बात की तरफ साफ इशारा करती है कि अब आजम खान नई राजनीतिक पारी खेलने जा रहे हैं.


यही वजह है कि आज आजम खान ने अखिलेश यादव के दूतों को सीतापुर जेल से बिना मिले बैरंग वापस कर दिया. जिससे साफ हो चुका है की अब आजम खान और उनका परिवार समाजवादी पार्टी से दूरी बना चुका है. सूत्रों के मुताबिक जल्दी ही आजम खान एक नई राजनीतिक पार्टी बना सकते हैं और उसके बाद कई छोटे दलों को साथ मिलाकर उत्तर प्रदेश में तीसरे मोर्चे को जन्म दिया जाएगा.


सूत्रों के मुताबिक आजम खान के करीबी नेताओं से एआईएमआईएम, रालोद, आजाद समाज पार्टी के नेताओं की कई मीटिंग हो चुकी है. इतना ही नहीं सूत्रों का दावा है कि तीसरे मोर्चे के गठन में समाजवादी गठबंध के और दल भी आजम खान के साथ आ सकते हैं. 




कांग्रेस-बसपा के नेता भी आजम के साथ!
सूत्र यहां तक दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस और बसपा के नेताओं ने भी आजम खान को दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया है लेकिन अभी कोई मुलाकात आजम खान के परिवार की नही हुई है. एक सीनियर कांग्रेसी नेता के आजम खान से बेहद नज़दीकी रिश्ते बताए जा रहे हैं. आजम खान की सपा से नाराजगी के बाद से विपक्ष की हर पार्टी का नेता यह चाहता है कि आजम खान उनके दल में आएं और नई राजनीतिक पारी खेलें. सूत्रों के मुताबिक इस बार आजम खान किसी पार्टी में नहीं जाने वाले बल्कि वह अपनी खुद की एक राजनीतिक पार्टी का गठन करने जा रहे हैं और भविष्य में वह गठबंधन की राजनीति करने वाले हैं. 


आजम खान और उनका परिवार सपा प्रमुख अखिलेश यादव से इसलिए नाराज बताया जा रहा है क्योंकि संघर्ष के दिनों में समाजवादी पार्टी ने अपने फाउंडर मेंबर आजम खान के लिए कोई आंदोलन नहीं किया और बुरे वक्त में उन्हें अकेला छोड़ दिया. इतना ही नहीं विधान सभा चुनाव के समय भी आजम खान और उनके परिवार को समाजवादी पार्टी ने कोई अहमियत नहीं दी. प्रदेश में समाजवादी पार्टी की हार के बाद आजम खान और उनका परिवार समाजवादी पार्टी से अलग होने का फैसला ले चुका है. यही वजह है कि अब आजम खान समाजवादी पार्टी के नेताओं से मिलना भी पसंद नहीं कर रहे हैं.  


10-12 विधायक आजम खान के संपर्क में?
सूत्रों के मुताबिक सपा के 10 से 12 मौजूदा विधायक और कई पूर्व मंत्री, आजम खान के परिवार के संपर्क में हैं और जेल से छूटने के बाद जैसे ही आजम खान अपने राजनीतिक फैसले का ऐलान करेंगे तो ये नेता उनके साथ में खुल कर सामने आ जाएंगे. यही वजह है कि एक के बाद एक समाजवादी पार्टी में इस्तीफों का दौर चल निकला है और आजम खान के समर्थन में कई सपा नेता खुलकर सामने भी आए हैं जिन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधा है.


अब देखना यह होगा की सीतापुर जेल से रिहा होने के बाद आजम खान क्या ऐलान करते हैं .जिस तरह से आजम खान ने सपा प्रतिनिधिमंडल को मिलने से मना कर दिया उससे तो यह साफ हो चुका है कि आप आजम खान का मन समाजवादी पार्टी में रहने का बिल्कुल नहीं है . 


सवाल उठ रहे हैं कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आजम खान की नाराजगी को कैसे दूर करेंगे. सीतापुर जेल में आजम खान से मुलाकात के बाद जिस तरह शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव पर आजम खान का साथ न देने का आरोप लगाया उससे लगता है कि आने वाले दिनों में अखिलेश यादव के लिए आजम खान को बना पाना नामुमकिन ही है. आजम खान और उनका परिवार अभी खुलकर कुछ नहीं बोल रहा है बल्कि उनके समर्थक खुलकर अखिलेश यादव के खिलाफ बगावती बयानबाजी कर रहे हैं.


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