(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP Politics: ओम प्रकाश राजभर ने दिया अखिलेश यादव को तगड़ा झटका, सपा के कद्दावर नेता सुभासपा में शामिल
UP Politics: ओपी राजभर ने 2024 को लेकर कहा कि लोकसभा चुनाव समझौते से ही लड़ा जाएगा. अभी हम अकेले उस हैसियत में नहीं हैं कि लोकसभा का चुनाव अपने दम पर लड़ सकें.
Om Prakash Rajbhar News: सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने तीन बार के विधायक और सपा (SP) के कद्दावर नेता राम ललित चौधरी (Ram Lalit Chaudhary) को अपनी पार्टी की सदस्यता दिलाई. पूर्व विधायक राम ललित चौधरी ने सैकड़ों समर्थकों ने सुभासपा का दामन थाम लिया. सुभासपा (SBSP) में शामिल होने के साथ ही ओपी राजभर ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी और चौधरी को पार्टी का उपाध्यक्ष घोषित कर दिया.
इस दौरान पत्रकारों ने जब ओपी राजभर से गठबंधन और 2024 को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि 2024 का चुनाव समझौते से ही लड़ा जाएगा. अभी हम अकेले उस हैसियत में नहीं हैं कि लोकसभा का चुनाव अपने दम पर लड़ सकें. आज की तारीख में न कोई किसी का दोस्त है, न दुश्मन है, बड़े नेता सब एक हैं. हमने बीजेपी के साथ अपने विचारों से समझौता किया, जब हमारे विचार से बात नहीं मिली तो बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी लखनऊ में समझौता कराने आए, बात नहीं बनी तो हमने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
सपा पर लगाया धोखा देने का आरोप
राजभर ने कहा कि मेरा यह कदम शायद उत्तर प्रदेश की राजनीति में पहला कदम था, हमने सपा से गठबंधन किया लेकिन सपा ने हमारे साथ धोखा किया. चुनाव से पहले हमको बहकाते रहे, जब चरणबद्ध चुनाव आया तो हमको 12 रिजर्व सीट दे दिया और उस पर भी अपना उम्मीदवार दे दिया. उनकी मंशा थी कि सरकार तो हमारी बन रही है, लेकिन ओम प्रकाश राजभर को ऐसा कमजोर करें कि राजभर फ्री बिजली, फ्री शिक्षा, जातिगत जनगणना की बात पर लड़ रहा हो जब इसके पास विधायक नहीं रहेंगें तो लड़ ही नहीं पाएगा, लेकिन अखिलेश यादव को यह नहीं मालूम था कि पूरी रामायण में हनुमान जी अकेले ही थे.
कांग्रेस पर भी नरम दिखे राजभर
इस दौरान कांग्रेस को लेकर भी ओपी राजभर का प्यार देखने को मिला. उन्होंने कहा कि हो सकता है राहुल गांधी जी सत्ता में आ जाएं. उन्होंने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल जब आंदोलन चलाता हैं तो कोई न कोई नाम रखते हैं. चाहे सावधान यात्रा चल रहा हो, चाहे भारत जोड़ो यात्रा, उसी के बहाने लोगों के बीच जाकर लोग अपनी विचारधारा बताते हैं. पहले कांग्रेस जनता के बीच थी, तो कांग्रेस की सरकार थी, कांग्रेस की सरकार बनी जब जनता से हट गई तो कांग्रेस चली गई. फिर यूपी में सपा, बसपा और कांशीराम जी जनता के बीच आए तो उनकी सरकार बनी, फिर वो पार्टी जनता से हट गई और पार्टी खत्म हो गई. मुलायम सिंह जी जनता के बीच थे सरकार बनी, जनता से हटे सरकार चली गई. बीजेपी जनता के बीच चली गई आज उस की सरकार है, राहुल गांधी जी जनता के बीच जा रहे हैं उनकी सरकार बन सकती है.
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