UP Politics: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर को उनकी जलेबी पॉलिटिक्स के लिए जाना जाता है. जलेबी पॉलिटिक्स का मतलब हर सवाल पर घुमाकर जवाब देने की रणनीति. ओपी राजभर इसके माहिर माने जाते हैं. गुरुवार को लखनऊ स्थित उनके घर पर आरक्षित वर्ग के शिक्षक अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन क्या किया वे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव पर भड़क गए. उन्होंने कहा कि इन्हें अखिलेश ने भेजा था. इसके बाद उनसे जो भी सवाल किए गए.हर जवाब चकरा देने वाला था. 


कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव के उस बयान पर बीजेपी और सीएम योगी आदित्यनाथ का बचाव किया जिसमें सपा नेता ने कहा था कि मुख्यमंत्री को अपनी अलग पार्टी बनानी पड़ेगी और बुलडोजर चुनाव चिन्ह होगा. राजभर ने कहा कि अब वो हो सकता है उनको बताए हों. रात को जब जाते हैं मिलने. अखिलेश रात को जाते हैं.योगी जी और मोदी जी से मिलने. बता कैसे रहे हैं.मिले होंगे रात को तभी वो बताए होंगे कि ये पार्टी बनाऊंगा और बुलडोजर चुनाव चिन्ह रखूंगा.वही सलाह लेने जाते होंगे.कि आप क्या करने जा रहे हैं.बताएंगे होंगे कि यही करने जा रहे हैं तो बता रहे हैं. 


बीजेपी के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चलने के अखिलेश के आरोपों पर राजभर बीजेपी की तरफ से बैटिंग करते नजर आए.यहां तक कह दिया कि अगर सपा में सब कुछ ठीक था तो शिवपाल अलग क्यों हुए थे.



'यहां ऑल इज वेल'
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि सपा में सब कुछ ठीक नहीं था.तब ना शिवपाल जी अलग हुए थे. उन्होंने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई. उसको ठीक किए और बार-बार शिवपाल जी को धोखा ही मिल रहा है. जाने का अनुभव उनको. यहां ऑल इज वेल. 


इस दौरान ओपी राजभर अखिलेश पर जमकार भड़ास निकालते नजर आए. राजभर का अखिलेश पर ये गुस्सा आरक्षित वर्ग के उन शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रदर्शन की वजह से भी था जिसका दायरा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, यूपी बीजेपी चीफ भूपेंद्र चौधरी और अपना दल एस नेता और कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल के बाद गुरुवार को खुद उनके घर तक पहुंच गया. 


बीजेपी का मोर्चा संभालने में जुटे राजभर!
राजभर का आरोप है कि प्रदर्शन की अगुवाई करने वाले लोग.समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं.जो कुछ हो रहा है.वो अखिलेश के इशारे पर हो रहा. ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि समाजवादी पार्टी के दो ऐसे चेले हैं.जो इसका नेतृत्व करते हैं.ये सिर्फ माहौल खराब करने के लिए प्रदर्शन हो रहा है. वो समाजवादी पार्टी के नेताओं के हाथ में है. ये जब धरना देते थे तो टोपी समाजवादी पार्टी का लगाकर धरना देते थे. 


इन सबके बीच यह तो स्पष्ट है कि चर्चित और विवादित बयानों की वजह से भले ही ओम प्रकाश राजभर कभी सुर्खियों में रहे हों लेकिन इस वक्त वो बीजेपी के बचाव में मोर्चा संभालने में जुटे हैं.