UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में पंचायत राज मंत्री भूपेंद्र सिंह (Chaudhary Bhupendra Singh) ने मुरादाबाद में अपने स्वागत में रखे गए एक कार्यकम के मंच से बोलते कहा कि हम पहले से ही कहते थे कि अगर बीजेपी की सरकार बनेगी तो हम अपनी संस्कृति, धार्मिक आस्था और परंपराओं के आधार पर सरकार और सत्ता चलाने का काम करेंगे. ये कोई छुपा एजेंडा नहीं है. हम सब लोग मिलकर उसपर काम कर रहे हैं.
मुरादाबाद आते ही उन्होंने अपने मन की बात बता दी. इतना ही नही मंत्री ने पार्टी में अपने कद, पावर और रुतबे का ज़िक्र करते हुए पार्टी में अपने विरोधियों का नाम ले लेकर कहा ''अगर मैं चाहता तो उनकी नाक में नकेल डाल देता, पूछो उनसे कभी उन्हें टिकिट मिलने में कोई दिक्कत हुई हो.''
मुरादाबाद मंडल में बीजेपी की खराब परफॉर्मेंस पर दी सफाई
विधानसभा चुनावों में मुरादाबाद मंडल में बीजेपी की खराब परफॉर्मेंस पर सफाई देते हुए मंत्री भूपेंद्र चौधरी अपने विरोधियों पर जमकर बरसे. अपने शांत मिजाज से इतर भूपेंद्र चौधरी ने पार्टी के भीतर अपने विरोधियों को मंच से जमकर खरी-खरी सुनाई. पंचायत भवन में अपने स्वागत कार्यक्रम में पहुंचे मंत्री भूपेंद्र चौधरी माइक संभालते ही विरोधियों पर बरसने लगे.
मैं चाहता तो मेयर की नाक में नकेल डाल देता-भूपेंद्र चौधरी
विरोधियों पर हमला बोलते हुए मंत्री भूपेंद्र चौधरी ने पूर्व सांसद सर्वेश सिंह का जिक्र करते हुए कहा ''वे लगातार चुनाव लड़े. आप उनसे पूछो कभी टिकट में परेशानी पड़ी? सर्वेश सिंह के बाद भूपेंद्र चौधरी ने मंच पर मौजूद मुरादाबाद के मेयर विनोद अग्रवाल का रुख किया. बोले- "ये विनोद जी बैठे हैं. ये लगातार चुनाव लड़ रहे हैं. मैं चाहता तो इनकी नाक में डाल देता. लेकिन इनसे पूछो कि क्या इन्हें कभी कोई परेशानी पड़ी."
दरअसल मुरादाबाद जिले की सियासत में पूर्व सांसद सर्वेश सिंह और मंत्री भूपेंद्र सिंह के दो अगल- अलग खेमे हैं. दोनों में लंबे समय से अदावत रही है. भूपेंद्र चौधरी संगठन में कई अहम पदों पर रहे हैं तो वहीं सर्वेश मुरादाबाद की ठाकुरद्वारा सीट से 5 बार विधायक और एक बार मुरादाबाद के सांसद रह चुके हैं. उनके बेटे सुशांत सिंह बिजनौर की बढ़ापुर सीट से दूसरी बार विधायक बने हैं.
पार्टी के प्रदेश नेतृत्व पर खड़े किये सवाल
यूपी के कैबनेट भूपेंद्र सिंह ने अपने इस बयान में जहां एक तरफ मंच से पार्टी में अपने विरोधियों का नाम लेकर उन्हें लताड़ा तो वहीं पार्टी के प्रदेश नेतृत्व पर भी यह कह कर सवाल खड़े कर दिए हैं कि पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने कभी लीडरशिप खड़ी नहीं होने दी. इतना ही नहीं मंत्री संविधानिक पद की मर्यादा को भूल गए और अपनी शपथ के विपरीत यहां तक कह गए कि हम सरकार अपने धर्म आस्था और परंपरा के अनुसार चलाएंगे.
मंत्री के इस बयान से जहां एक तरफ उनके मंत्री पद पर ही संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है तो वहीं पार्टी के बड़े नेता अपने ऊपर लीडरशिप न खड़ी होने देने के लगे आरोप से भूपेंद्र सिंह से नाराज़ हो सकते हैं. जिस तरह भूपेंद्र सिंह ने मंच से पार्टी के स्थानीय नेताओं का नाम लेकर उन पर निशाना साधा है इससे स्थानीय स्तर पर भी मंत्री का पार्टी में विरोध होना तय माना जा रहा है.
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