लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी देश के दो संसदीय क्षेत्रों- केरल स्थित वायनाड और उत्तर प्रदेश के रायबरेली से सांसद चुने गए हैं. यूपी लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी कन्नौज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए. साल 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा देने वाले अखिलेश यादव फिलहाल करहल से विधानसभा सदस्य हैं. ऐसे में इन दो नेताओं के फैसलों पर सबकी निगाहें टिकीं हैं. माना जा रहा है कि आगामी यूपी विधानसभा चुनाव और केंद्र की राजनीति को ध्यान में रखकर दोनों नेता यह फैसला करेंगे कि कौन कहां से सांसद रहेगा.
सबसे पहले बात करते हैं कि राहुल गांधी की. वायनाड में राहुल गांधी ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया की प्रत्याशी एनी राजा को 3 लाख 64 हजार 422 मतों से हराया. रायबरेली में राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह को 3 लाख 90 हजार 30 वोटों से मात दी.
अब सियासी हलकों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि वायनाड या रायबरेली! राहुल गांधी कहां का प्रतिनिधित्व करने का फैसला करेंगे. 4 जून को परिणाम आने के बाद राहुल ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया था. इसमें उन्होंने कहा था कि- बेशुमार मोहब्बत देने के लिए वायनाड और रायबरेली की जनता का बहुत बहुत धन्यवाद. अगर मेरे बस में होता, तो मैं दोनों ही जगह का सांसद बने रहना पसंद करता.
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राहुल कहां से सांसद रहेंगे? इस सवाल का आधिकारिक जवाब तो अभी तक नहीं मिल पाया है लेकिन चुनाव परिणाम वाले दिन जिस तरह से राहुल गांधी ने खासतौर से यूपी पर बयान दिया और कहा कि यहां के लोगों ने संविधान बचाने की लड़ाई में अपना योगदान दिया, इससे यह संकेत मिलते हैं कि वह रायबरेली से ही सांसद बने रह सकते हैं.
राजनीतिक जानकारों का दावा है कि अगर कांग्रेस को यूपी विधानसभा चुनाव 2027 में लड़ाई लड़नी है तो राहुल को वायनाड की जगह रायबरेली ही चुनना होगा. जब राहुल की मां और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी, रायबरेली आईं थीं तब उन्होंने कहा था कि मैं आपको अपना बेटा सौंप रही हूं. वह निराश नहीं करेंगे.
साल 2009 के बाद यूपी में सबसे ज्यादा 6 सांसद जीतने वाली कांग्रेस के लिए यूपी में अपनी जड़ें दोबारा स्थापित करने के लिए यह अच्छा मौका माना जा रहा है ऐसे में राहुल का फैसला बहुत हद तक पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए भी अहम होगा.
अखिलेश यादव
अब बात करते हैं अखिलेश यादव की. साल 2022 में करहल विधानसभा सीट से विधायक चुने गए सपा प्रमुख हाल ही में कन्नौज से लोकसभा सदस्य चुने गए हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुब्रत पाठक को 1 लाख 70 हजार 922 मतों से हराया था. अखिलेश के संदर्भ में दावा किया जा रहा है कि मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए वह राज्य की बजाय केंद्र की सियासत पर फोकस करेंगे.
परिणाम आने के बाद वह बीते दो दिनों से दिल्ली में ही हैं और अलग-अलग नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. 2024 के चुनाव में देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी सपा के लिए केंद्र की सियासत में दखल का इससे बेहतर मौका शायद ही हो. ऐसे में अखिलेश, यूपी की सियासत को शिवपाल सिंह यादव के हवाले कर खुद केंद्र की राजनीति की ओर आगे बढ़ेंगे. सूत्रों का दावा है कि दिल्ली से लौटकर अखिलेश इस पर आखिरी फैसला करेंगे.