UP Politics: सपा विधायक को मिला राकेश टिकैत का साथ, 5वें दिन आमरण अनशन जारी, जानिए क्या है वजह
Rakesh Tikait News: समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान पिछले 5 दिनों से आमरण अनशन पर है. इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने उनसे मुलाकात की है.
Rakesh Tikait Support SP MLA Atul Pradhan: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में निजी अस्पतालों के खिलाफ सरधना विधानसभा क्षेत्र से सपा विधायक अतुल प्रधान का आमरण अनशन पांचवें दिन शुक्रवार को भी जारी रहा. भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने धरना स्थल पर पहुंचकर आंदोलन को अपना समर्थन दिया और कहा कि अतुल प्रधान सही मुद्दे को उठा रहे हैं. टिकैत ने सपा विधायक से अनशन की बजाय आंदोलन करने और आम जनता के हित में डॉक्टरों से भी सस्ता उपचार करने की अपील की.
राकेश टिकैत ने कहा कि ऐसे भी अस्पताल बने हैं, जिनके परिवार में कोई डॉक्टर नहीं है. वह अस्पताल कॉन्ट्रैक्ट पर चल रहे हैं. निजी अस्पतालों में एंबुलेंस वाले मरीज भर्ती करा रहे है. मेरठ के अस्पतालों में मुजफ्फरनगर, बागपत, अमरोहा, बिजनौर, शामली, मुरादाबाद, रामपुर आदि जिलों से मरीज आते हैं. अतुल प्रधान सही मुद्दे को उठा रहे हैं.
क्या बोले राकेश टिकैत?
राकेश टिकैत ने कहा कि जिला प्रशासन को समिति बनाकर डॉक्टरों और विधायक को बुलाकर मामला सुलझाना चाहिए. चिकित्सा पेशे को व्यापार न बनाया जाए. अनाप-शनाप बिल लोगों से न वसूले जाएं. अनशन की बजाय आंदोलन चलाएं. इस आंदोलन को पूरा समर्थन है. डॉक्टरों के खिलाफ पहली बार आंदोलन हुआ है. डॉक्टरों का सभी सम्मान करते हैं, लेकिन इसका गलत फायदा न उठाएं. किसान नेता ने कहा कि कलम और कैमरे पर बंदूक का पहरा है. अभी हालात और भी खराब होंगे. अगर 2024 में भी ये फिर से आ गए तो सोशल मीडिया आदि सभी को बंद करा देंगे. देश को कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बल्कि किसान और मजदूर बचाएंगे.
सपा विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि अब यह सभी लोगों की लड़ाई बन चुकी है. मैंने अपनी पूरी संपत्ति का ब्यौरा दे दिया है. अब डॉक्टरों को अपनी संपत्ति की घोषणा करनी चाहिए. वे 20 साल की ही नहीं, बल्कि कोरोना के बाद से अब तक की संपत्ति ही घोषित कर दें. सपा विधायक ने कहा कि 11 दिसंबर को महापंचायत में कोने-कोने से लोग जुटेंगे. यह लड़ाई बहुत बड़ी है. फर्जी अस्पतालों पर अंकुश लगाया जाए. सरकारी अस्पतालों से मरीजों को उठाकर निजी अस्पतालों में भर्ती कराया जाता है. अस्पतालों में डॉक्टर ऐसी दवाएं लिखें, जिसे तीमारदार कहीं से खरीद सकें. लोगों को महंगे इलाज और महंगी शिक्षा से निजात दिलाने के लिए आंदोलन किया जा रहा है. यह आंदोलन मांग पूरी होने तक जारी रहेगा.