उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. राज्य की खीरी लोकसभा सीट से तीन बार सांसद रहे रवि प्रकाश वर्मा ने सोमवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया. शुक्रवार को उन्होंने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.
यूपी कांग्रेस के चीफ अजय राय ने लखनऊ दफ्तर में रवि प्रकाश वर्मा का गले लगाकर स्वागत किया. इस दौरान रवि वर्मा की बेटी और सपा की पूर्व नेता डॉक्टर पूर्वी वर्मा भी मौजूद थीं. रवि प्रकाश वर्मा खीरी सीट से तीन बार लोकसभा व एक बार राज्यसभा सदस्य रहे हैं. लखीमपुर खीरी के गोला निवासी वर्मा सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं. माता-पिता समेत वर्मा का परिवार खीरी लोकसभा क्षेत्र का 10 बार प्रतिनिधित्व कर चुका है.
रवि प्रकाश के आने से कांग्रेस को मजबूती मिलेगी- अंशू अवस्थी
2019 में सपा ने महागठबंधन के तहत लोकसभा का पहला टिकट उनकी बेटी पूर्वी वर्मा को दिया था. हालांकि वह चुनाव हार गई थीं. रवि वर्मा ने बताया था कि समाजवादी पार्टी से उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. अब पूरे परिवार सहित कांग्रेस की सदस्यता ले ली है.
कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने बताया कि कांग्रेस की लोकसभा चुनाव की तैयारियां जारी हैं. इसी क्रम में पार्टी में ज्वाइनिंग का सिलसिला चल रहा है. हाल ही में कई छोटे दलों ने कांग्रेस में विलय किया है. कई नेता कांग्रेस में आने की इच्छा जता चुके हैं.पूर्व सांसद रवि प्रकाश के आने से कांग्रेस को मजबूती मिलेगी.
राजनीतिक जानकर बताते हैं कि रवि प्रकाश की पहचान दिग्गज कुर्मी नेताओं में होती है. उनके कांग्रेस के पाले में आने से खीरी ही नहीं बल्कि धौरहरा, सीतापुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर बाराबंकी आदि लोकसभा क्षेत्रों पर भी असर पड़ेगा. इन लोकसभा क्षेत्रों की अलग-अलग विधानसभा सीटों में कुर्मी समाज निर्णायक भूमिका में हैं.
अकेले खीरी में पिछड़े वर्ग की करीब 35 प्रतिशत आबादी में कुर्मी की संख्या सर्वाधिक है. लखीमपुर खीरी के गोला के रहने वाले वर्मा सपा के संस्थापक सदस्यों में रहे हैं. उनका परिवार पुराना समाजवादी रहा है. साथ ही इस क्षेत्र में उसका खास प्रभाव भी रहा है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्मा का परिवार खीरी लोकसभा क्षेत्र का 10 बार प्रतिनिधित्व कर चुका है.