Lok Sabha Election 2024: 50 सालों से खीरी सीट पर रहा रवि वर्मा के परिवार का रुतबा, मां, पिता और खुद रहे सांसद, बेटी ने भी आजमाई थी किस्मत
Lok Sabha Election: 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा की संयुक्त प्रत्याशी को हार का मुंह देखना पड़ा था. अब वर्मा परिवार ने समाजवादी पार्टी से नाता तोड़ने का एलान कर दिया है.
Mission 2024: चार बार के सासंद रहे रवि प्रकाश वर्मा (Ravi Prakash Varma) ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को अलविदा कह दिया है. रवि प्रकाश वर्मा के इस्तीफे से लखीमपुरी खीरी (Lakhimpur Kheri) में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को तगड़ा झटका लगा है. लखीमपुरी खीरी में वर्मा परिवार का दबदबा पिछले 50 साल से रहा है. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) को देखते हुए उन्होंने अप्रत्याशित फैसला लिया. सूत्रों के मुताबिक सपा की तरफ से मैदान में उतारने जाने की संभावना कम थी. रवि प्रकाश वर्मा के बजाय अन्य उम्मीदवार पर सपा को भरोसा था. वर्मा परिवार के तीन सदस्य पूर्व में खीरी लोकसभा सीट का प्रतिनिविधित्व कर चुके हैं.
50 वर्षों से खीरी लोकसभा सीट पर था रुतबा
रवि प्रकाश वर्मा कांग्रेस नेता बालगोविंद वर्मा के बेटे हैं. पिता ने कांग्रेस के टिकट पर 1962 से 1971 तक खीरी का लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने दोबारा 1980 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इंदिरा) के टिकट पर खीरी लोकसभा सीट से जीत दर्ज की. बालगोविंद वर्मा की पत्नी उषा वर्मा ने भी तीन बार खीरी सीट की नुमाइंदगी की. बेटे रवि प्रकाश वर्मा ने 1998, 1999 और 2004 में सपा प्रत्याशी के तौर पर खीरी सीट से चुनावी जीत दर्ज की.
रवि प्रकाश वर्मा ने छोड़ा साइकिल का साथ
2019 के लोकसभा चुनाव में रवि प्रकाश वर्मा की बेटी पर सपा ने भरोसा जताया. सपा-बसपा की संयुक्त प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरी पूर्वी वर्मा को हार का मुंह देखना पड़ा. खीरी सीट पर बीजेपी प्रत्याशी अजय मिश्र टेनी ने गठबंधन प्रत्याशी डॉ. पूर्वी वर्मा को मात दी. डॉ. पूर्वी वर्मा 3,67,516 मत पाकर दूसरे नंबर पर रहीं. आगामी लोकसभा चुनाव से पहले वर्मा परिवार ने सपा को अलविदा कह दिया है. माना जा रहा है कि रवि प्रकाश वर्मा की बेटी पूर्वी वर्मा भी साइकिल का साथ छोड़ सकती हैं.
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