Reservation In UP: उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 10 सीटों पर उपचुनाव से पहले राज्य की योगी सरकार ने आरक्षण को लेकर बड़ा दांव चला है. योगी सरकार के इस दांव से न सिर्फ विपक्ष बल्कि सत्तापक्ष के भी वह नेता सकते में आ गए हैं जो कुछ महीनों पहले तक सवाल पूछ रहे थे.


लोकसभा चुनाव के दौरान यूपी में भारतीय जनता पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद अपना दल सोनेलाल की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य समेत कई नेताओं ने आउटसोर्सिंग में नौकरियों में आरक्षण पर सवाल किए थे. अब दावा है कि योगी सरकार ने आउटसोर्सिंग वाली भर्तियों में भी आरक्षण की तैयारी कर रही है. आउटसोर्सिंग नौकरियों में आरक्षण देने के संभावित फैसले को 69,000 भर्ती से उपजे विवाद की काट भी माना जा रहा है.


मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि अभी तक जो भी भर्ती होती थी वह सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से अलग-अलग मैनपावर की कंपनियां करती थी. अब सीएम योगी की मंशा अनुरूप विभाग के मंत्री अनिल राजभर इस बात की स्टडी कर रहे हैं कि कैसे सरकार खुद सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से लोगों को नौकरियां पहुंचाएं और इसमें आरक्षण का भी प्रावधान रहे.


 


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अखिलेश और कांग्रेस, आरक्षण को लेकर योगी सरकार पर हमलावर
आरक्षण को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा था. अखिलेश यादव भी कई मौकों पर अनुप्रिया और केशव मौर्य के सवालों के बहाने योगी सरकार पर निशाना साधते थे.


2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान आरक्षण और संविधान के मुद्दे ने बीजेपी को काफी नुकसान हुआ था. अब बीजेपी इस मुद्दे को लेकर डैमेज कंट्रोल की कोशिश में है. पार्टी और सरकार की कोशिश है कि 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव पर आरक्षण और संविधान के मु्द्दे को हावी न होने दे.