UP Politics: यूपी में लोकसभा चुनाव में हार के बाद जिस तरह भारतीय जनता पार्टी के अंदर की कलह खुलकर सामने आई हैं, पार्टी के अंदर से ही विरोधी आवाजें उठ रही हैं उसने न सिर्फ भाजपा बल्कि राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी है. संघ का मानना है कि अगर ऐसा ही रहा तो इसके उनकी कई वर्षों की मेहनत पर पानी फिर सकता है. यही नहीं इससे संघ के हिन्दुत्व के एजेंडे को भी नुकसान होगा. 


पिछले कुछ समय में बीजेपी के कई नेताओं ने पार्टी की नीतियों को लेकर सवाल उठाए हैं. पार्टी के अंदर अब अहम की लड़ाई भी देखी जा रही है. जिसके बाद माना जा रहा है कि बीजेपी के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. वहीं आरएसएस ने भले ही पूरे विवाद पर सीधे तौर पर दखल नहीं दिया है लेकिन, हालात पर नजर बना रखी है. माना जा रहा है कि जल्द ही संघ की ओर से मामले को शांत करने की कोशिशें की जाएंगी.


बीजेपी के झगड़े ने बढ़ाई संघ की चिंता
संघ को लगता है कि बीजेपी में जिस तरह कलह दिखाई दे रही है, संगठन और सरकार में अहम की लड़ाई हो रही है उसका असर पार्टी पर पड़ सकता है. जिससे देश के सबसे बड़े सूबे में बीजेपी की पकड़ कमजोर न हो जाए. इसलिए समय रहते इन झगड़ों और आपसी विवादों को खत्म करना जरूरी हो गया है. नहीं तो यूपी हाथ से निकल सकता है.


आरएसएस के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात ये भी है यूपी में न सिर्फ बीजेपी की सीटें कम हुईं बल्कि जिस तरह से अयोध्या नगरी में राम मंदिर का निर्माण हुआ, कई विकास कार्य कराए गए, बीजेपी ने इसे विकास की प्रयोगशाला के तौर पर पेश किया वहां भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. काशी विश्वनाथ धाम की नगरी जहां से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव मैदान में थे, वहां भी पार्टी का ग्राफ गिरा वो किसी बड़े झटके से कम नहीं है. 


ऐसी स्थिति न तो भाजपा और न ही संघ के लिए अच्छी होगी. इससे संघ की हिन्दुत्व और सांस्कृतिक विरासत को मजबूर करने की मुहिम भी प्रभावित होगी. ऐसे में संघ ने इस शीतयुद्ध को शांत करने की तैयारी की है. सूत्रों की मानें तो जल्द ही संघ की पहल पर बैठक होने जा रही है जिसमें कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं. इस बैठक में बीजेपी शीर्ष नेतृत्व के नेता भी शामिल हो सकते हैं. 


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