Yogi Adityanath Vs Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश में दस सीटों पर उपचुनाव होने हैं इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बीच तीखी जुबानी जंग शुरू हो गई. मंगलवार को दोनों नेताओं के बीच बुलडोजर लेकर ऐसी जंग छिड़ी कि वो सीएम हाउस और नई पार्टी तक पहुंच गई. बुलडोजर पर बहस करते-करते सपा अध्यक्ष लोकसभा चुनाव के नतीजों तक पहुँच गए और सीएम योगी आदित्यनाथ की दुखती रग पर हाथ दिया. 


अखिलेश यादव अक्सर बुलडोजर को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते ही रहते हैं. लेकिन, बात उस वक्त बढ़ गई जब सपा अध्यक्ष ने लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 2027 में जब हमारी सरकार आएगी तो सारे बुलडोजर गोरखपुर चले जाएंगे. अखिलेश के इस बयान पर सीएम योगी ने भी पलटवार किया. सीएम योगी ने नियुक्ति पत्र कार्यक्रम के दौरान कहा कि पहले जब नियुक्तियां होती थी को चाचा-भतीजे (अखिलेश यादव-शिवपाल यादव) दोनों वसूली के लिए निकल पड़ते थे. 


बुलडोजर को लेकर हुई तीखी जंग
सीएम योगी यहीं नहीं रुके उन्होंने अखिलेश गोरखपुर वाले बयान पर कहा कि बुलडोजर पर हरेक व्यक्ति के हाथ फिट नहीं हो सकते हैं. इसके लिए दिल और दिमाग दोनों चाहिए. बुलडोजर जैसी क्षमता, दृढ़ता जिसमें हो वहीं बुलडोजर चला सकता है. दंगाईयों के सामने नाक रगड़ने वाले लोग वैसे ही बुलडोजर के आगे पस्त हो जाएंगे. जिस अखिलेश यादव ने जवाब दिया कि "बुलडोजर में दिमाग नहीं होता है. स्टेयरिंग होता है. बुलडोजर स्टेरिंग से चलता है और यूपी की जनता कब किसका स्टेयरिंग बदल दे या दिल्ली वाले कब किसका स्टेयरिंग बदल दें पता नहीं." 


अखिलेश यादव ने इसके बाद सीएम योगी की दुखती रग पर हाथ रखते हुए उन्हें लोकसभा चुनाव के नतीजों की याद दिला दी. यूपी में हार के बाद से बीजेपी के अंदर किस तरह का घमासान मचा है ये किसी से छुपा नहीं है. बस अखिलेश ने फिर से उसी जख्म को फिर खरोंच दिया और कहा कि बीजेपी में वैसे भी अब उन्हें कोई पूछ नहीं रहा है. इसलिए उन्हें नई पार्टी बना लेनी चाहिए. 


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अखिलेश यादव ने दबा दी दुखती रग
सपा अध्यक्ष ने एक्स पर ट्वीट किया "अगर आप और आपका बुलडोजर इतना ही सफल है तो अलग पार्टी बनाकर ‘बुलडोजर’ चुनाव चिन्ह लेकर चुनाव लड़ जाइए. आपका भ्रम भी टूट जाएगा और घमंड भी. वैसे भी आपके जो हालात हैं, उसमें आप भाजपा में होते हुए भी ‘नहीं’ के बराबर ही हैं, अलग पार्टी तो आपको आज नहीं तो कल बनानी ही पड़ेगी.'


दरअसल यूपी में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हार सामना करना पड़ा है जिसके बाद पार्टी के अंदर कई लोगों ने सीए्म योगी और अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए. यही नहीं बीजेपी के सहयोगी अपना दल, निषाद पार्टी और सुभासपा भी खुलेआम बयानबाजी करते दिखाई दी. सीएम योगी के लिए ये बड़ा झटका है. भले ही ऊपर से पार्टी में फिलहाल सब ठीक दिख रहा हो लेकिन, क्या वाकई सब ठीक है ये कहना मुश्किल है.