UP Politics: यूपी में सपा-कांग्रेस की तीखी लड़ाई, अखिलेश के करीबी ने BJP से सांठगांठ का लगाया आरोप
UP News: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का फैसला आने से पहले उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस के बीच एक बार फिर ठन गई है. आचार्य प्रमोद कृष्णम के बयान पर सपा ने बीजेपी से हाथ मिलाने का आरोप लगाया है.
MP Assemby Election Results 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनावी नतीजों पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है. उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी ने कांग्रेस के आरोप पर पलटवार किया है. बता दें कि कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) ने कहा था कि मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनाने का श्रेय शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) से ज्यादा अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को जाएगा. कांग्रेस के तीखे वार से तिलमिलाई सपा ने आईपी सिंह को आगे किया. उन्होंने आचार्य प्रमोद कृष्णम के बयान पर पलटवार किया. दोनों नेताओं के बीच सियासी लड़ाई सोशल मीडिया पर लड़ी जा रही है.
'कांग्रेस ने योगी सरकार बनाने के लिए बीजेपी से की डील'
आचार्य प्रमोद कृष्णम के बयान पर सपा नेता आईपी सिंह ने तीखा हमला बोला. उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट में लिखा, "2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी से साठगांठ की. प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा को जेल जाने से बचाने की डील की गई. सपा के खिलाफ 66 सीटों पर कांग्रेस ने बीजेपी से पूछकर प्रत्याशी दिए और योगी आदित्यनाथ की सरकार बनवाई." उन्होंने आचार्य प्रमोद कृष्णम पर तंज कसते हुए दावा किया कि मध्य प्रदेश में सपा की सरकार बनेगी.
2022 में यूपी में कांग्रेस और उसकी महासचिव श्रीमती प्रियंका बाड्रा ने अपने पति को जेल जाने से बचाने के लिए डील की, सपा को 66 सीटों पर हरवाई बीजेपी से पूछकर उन सीटों पर प्रत्याशी दिये और योगी आदित्यनाथ की सरकार बनवायी।
— I.P. Singh (@IPSinghSp) December 1, 2023
मध्यप्रदेश में अगली सरकार सपा की होगी।
नोट कर लो आप प्रमोद… https://t.co/L71mINb3tD
कांग्रेस नेता के बयान पर समाजवादी पार्टी ने बोला हमला
बता दें कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की तरफ से सीट नहीं मिलने पर अखिलेश यादव नाराज हो गए थे. उन्होंने सपा उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार भी किया. सपा के चुनाव मैदान में उतरने से पहले माना जा रहा था कि कांग्रेस को नतीजों में बढ़त मिलेगी. मुख्य मुकाबला दोनों पार्टियों के बीच माना जा रहा था. बीच में कांग्रेस की उपेक्षा से नाराज सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. चुनाव प्रचार में उतरे अखिलेश यादव की नाराजगी कांग्रेस के प्रति साफ दिखाई दी. अब 3 दिसंबर को मतपेटियों के खुलने से पहले सपा और कांग्रेस की लड़ाई एक बार फिर सार्वजनिक हो गई.