उत्तर प्रदेश में विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ा फैसला किया है. सपा प्रमुख ने विधान परिषद में पार्टी के नेता के नाम को मंजूरी दे दी है. सदन में अब  लाल बिहारी यादव विधान परिषद में सपा के नेता विरोधी दल होंगे. समाजवादी पार्टी ने लाल बिहारी यादव के समर्थन का पत्र परिषद के सभापति को भेज दिया है.


अम्बेडकर नगर निवासी लाल बिहारी यादव का नाम रेस में चल रहा था. हाल ही में 13 MLC के चुनाव के बाद सपा का संख्या बल बढ़ा है. नेता विरोधी दल होने के लिए विधान परिषद में 10 सदस्यों की संख्या चाहिए.समाजवादी पार्टी विधान परिषद में 10 MLC की संख्या बल तक पहुंच गई है.


इसके अलावा सपा ने किरनपाल कश्यप को मुख्य सचेतक, आशुतोष सिन्हा को सचेतक और मो. जासमीर अंसारी उपनेता नियक्त किया है.


100 सदस्सीय विधान परिषद में बीजेपी के 79, सपा के 10, अपना दल, निषाद पार्टी, रालोद, सुभासपा, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 1-1 सदस्य हैं. वहीं शिक्षक दल से 1, निर्दलीय समूह से 2 और 2 निर्दलीय सदस्य हैं. इसके अलावा 1 सीट खाली है. विधानपरिषद ने नेता सदन राज्य के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य हैं. 


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विधानसभा में क्या है रणनीति?
विधान परिषद में नेता विपक्ष, मुख्य सचेतक, सचेतक और उपनेता की नियुक्ति के बाद माना जा रहा है कि सपा जल्द ही विधानसभा में भी नेता विपक्ष और मुख्य सचेतक को नामित कर सकती है. अखिलेश के कन्नौज से सांसद चुने जाने और ऊंचाहार के विधायक रहे मनोज पांडेय के बीजेपी में जाने के बाद दोनों पद खाली हैं. 


विधानसभा के संदर्भ में माना जा रहा है कि अखिलेश नेता विपक्ष की जिम्मेदारी शिवपाल सिंह यादव को दे सकते हैं. 29 जुलाई से सत्र की शुरुआत होनी है उससे पहले फैसला हो सकता है.