UP Politics: अखिलेश यादव PDA का नारा 2022 के नतीजे के बाद से लगातार देते हुए दिखाई दे रहे हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में जिस तरीके से अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने PDA के नारे के साथ अन्य वर्गों, जातियों के लोगों को प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया उससे समाजवादी पार्टी को काफी फायदा भी मिला है. अब समाजवादी पार्टी नई रणनीति के साथ बुद्धिजीवों पर भी फोकस करने जा रही है और उनके बीच में अपनी पैठ बढ़ाते हुए अपना जनाधार बढ़ाने का काम करने वाली है.


2026 ने विधान परिषद के स्नातक और शिक्षक क्षेत्र के चुनाव होने हैं. ऐसे में समाजवादी पार्टी की रणनीति है कि स्नातक और शिक्षक क्षेत्र से जुड़े चुनाव के लिए बुद्धिजीवीओ में उसको पैठ बनाना जरूरी है और तभी वह इस विधान परिषद के चुनाव में बेहतर परिणाम ला सकती है. आपको बता दें कि 2020 में हुए विधान परिषद के स्नातक और शिक्षक क्षेत्र के चुनाव में 11 सीटों में से समाजवादी पार्टी को सिर्फ तीन सीटें मिली थी, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इसमें 6 सीटें जीती थी और दो सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते थे.


विधान परिषद से बनेगी विधानसभा चुनाव की रणनीति
पार्टी में इस बात की रणनीति चल रही है कि स्नातक और शिक्षक क्षेत्र से जुड़े हुए इस विधान परिषद के चुनाव में अगर पार्टी को विजय हासिल करनी है तो बुद्धिजीवी वर्ग को अपने साथ लाकर के ही उसको यह सफलता मिल सकती है. अगर पार्टी 2026 में होने वाले इस विधान परिषद के चुनाव में जीत हासिल करती है तो उसका 2027 की विधानसभा चुनाव के लिए मनोबल काफी बढ़ा रहेगा. वहीं एक बड़ा बुद्धिजीवी वर्ग भी उसके साथ होगा. समाजवादी पार्टी के थिंक टैंक का ऐसा मानना है कि आम लोगों के बीच में पार्टी के समर्थन में माहौल बनाने के लिए बुद्धिजीवी वर्ग का बड़ा हाथ होता है.


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