Kanpur News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) इन दिनों दलितों को अपने पाले में लाने के लिए पूरा जोर लगा रही है. इसी कड़ी में मंगलवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव पहली बार कानपुर में एक ही मंच पर नजर आए. अखिलेश यादव और शिवपाल यादव राष्ट्रवादी खटीक विकास समिति के रजत जयंती समारोह में शिरकत करने कानपुर के मोती झील स्थित लाजपत भवन में पहुंचे और यहां पर भारतीय जनता पार्टी पर संविधान मिटाने का आरोप लगाते हुए पूरे समाज को अपने साथ आ खड़ा होने का आह्वान किया.
माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के पिछड़ों को लेकर तैयार की गई रणनीति के जवाब में समाजवादी पार्टी दलितों को अपने साथ लाने में जुट गई है. अखिलेश यादव ने सबसे पहले संस्था का धन्यवाद किया और कहा कि कार्यक्रम के संचालक ने उन्हें भूलवश मुख्यमंत्री कह दिया है लेकिन अगर लखनऊ वाले इसे सुन लेंगे तो उन्हें अच्छा नहीं लगेगा, उनका बुलडोजर भी तैयार होगा. अखिलेश यादव ने कहा कि नेताजी को जैसे आप लोगों ने आशीर्वाद दिया था वैसे ही आपका आशीर्वाद मुझे भी चाहिए.
2024 चुनाव को लेकर कही ये बात
अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचाने के लिए आप और हम सब जागरूक हो चुके हैं. हमारी और आपकी जिम्मेदारी है कि 2024 का चुनाव है, संविधान बचाने का आखिरी चुनाव है, 2024 में अगर ये लोग आ गए तो बाबा साहेब के संविधान को बदल दिया जायेगा इसलिए जाति जनगणना होनी चाहिए, बाबा साहेब द्वारा दिए गए अधिकार को सबसे ज्यादा बीजेपी छीन रही है.
अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी सरकार 1 ट्रिलियन इकोनॉमी कैसे बनाएगी, प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हो गई है. सरकार द्वारा कहा गया है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. आय केवल बीजेपी के उद्योगपति मित्रों की बढ़ी है. अखिलेश यादव ने कहा कि वो इरफान से मिले उसे महाराजगंज जेल भेज दिया, सारस से मिले कानपुर जू भेज दिया गया. अब लगता है अधिकारियों से मिलना होगा इसलिए लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व 2024 में हैं पूरा बहुजन समाज एक हो जाए. वहीं शिवपाल यादव ने कहा कि देश, प्रदेश में इस वक्त संकट है, सबको एक होना चाहिए. संविधान को बदलने का काम किया जा रहा है. ऐसा नहीं होने दिया जाएगा.
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