Akhilesh Yadav In Lok Sabha: समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश स्थित कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने आज शुक्रवार (13 दिसबंर) को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर चर्चा में हिस्सा लिया. इस दौरान अखिलेश ने कहा कि संंविधान निर्माओं को मेरा नमन् है और इसी की वजह से देश एकजुट है. 


लोकसभा में अखिलेश ने अपने सियासी समीकरण पीडीए का जिक्र करते हुए कहा कि हमें विविधता में एकता पर गर्व है. हमारे जैसे लोग और कमजोर लोग और खासकर पीडीए के लोगों के लिए संविधान जन्म मरण का विषय है. सपा चीफ ने कहा कि ये संविधान वंचित लोगों को अधिकार दिलाने के लिए है. संविधान देश की प्राण वायु है. संविधान की प्रस्तावना संविधान का निचोड़ है.


सपा चीफ ने कहा कि सीमाओं का रक्षा करना प्रथम कर्तव्य है. जिस देश की सीमाओं की सुरक्षा में जहां पर समय समय पर सेंध लगती हो और हमारे माननयी मंत्री बेहतर जानते हैं कि कई जगहों पर सीमाएं सिकुड़ रही हैं.


'किसी को भी बंद कर दो...'
सपा सांसद ने कहा कि हमारे पड़ोस में कितने गांव बस गए हैं. न जाने कितना वहां गांवों की तरह घर बसा दिए गए हैं. लद्दाख की तरफ दोनों देशों की सेनाएं पीछे  हटी हैं. हम अपनी सीमा में पीछे हटे, चीन हमारी सीमा से आंशिक रूप से पीछे हटा है. वो देश हमें मानसरोवर जाने पर भी रोकने लगेगा.


सांसद ने कहा कि देश में अमीर और गरीब के बीच गहरी खाई है. देश में अभिव्यक्ति की आजादी की चर्चा करते हुए अखिलेश ने कहा कि आर्टिकल 14 - कानून के समक्ष समानता - हो क्या रहा है? एक ही कानून किसी के लिए अलग, किसी के लिए अलग. अगर सत्ता पक्ष का व्यक्ति गेरुआ गमछा पहनकर गाली दे देत तो जी हुजूरी, अगर दूसरे पक्ष का व्यक्ति न्याय मांगने जाए तो उसको लाठी? ED का तो ऐसा कानून बना दिया गया है कि किसी को भी बंद कर दो. 


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