UP Politics: उत्तर प्रदेश के बदायूं से भारतीय जनता पार्टी की लोकसभा सांसद संघमित्रा मौर्य ने अपने पिता और समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि किसी को भी ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जिससे किसी की आस्था को ठेस पहुंचे.


ABP News से बात करते हुए कहा कि आस्था को ठेस पहुंचाने का अधिकार किसी को नहीं है. रामचरितमानस विवाद पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या की सांसद बेटी संघमित्रा मौर्य ने कहा कि विवाद उत्पन्न हो ये हम नहीं चाहते. हर किसी की अपनी आस्था है. कौन कहां पर किस रूप किस चीज में आस्था रख रहा है और किसी की आस्था को ठेस पहुंचाना, ये हमारा या किसी का भी अधिकार नहीं है. हर कोई अपने श्रद्धानुसार आस्था रख भी सकता है और नास्तिक भी हो सकता है.


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बीजेपी में स्वामी की होगी वापसी?
इससे पहले संघमित्रा मौर्य ने पिता के बीजेपी वापसी के सवाल पर भी टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था- "मैं चाहती हूँ कि हमारे बीच की राजनीतिक दूरियां खत्म हों. अगर पार्टी निर्देश दे तो उन्हें वापिस लाने की कोशिश करूंगी, मेरी वजह से पिता को कटाक्ष सुनने पड़ते हैं और पिता की वजह से मुझे सुनने पड़ते हैं. हमारे बीच दूरी क्यों हो?" 


बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने साल 2022 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले योगी आदित्यनाथ कैबिनेट के मंत्री पद के साथ-साथ बीजेपी से भी इस्तीफा दिया था. इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि बीजेपी ने सभी वर्गों के साथ अन्याय किया है. फिर वह इसके बाद समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए और वह साल 2022 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी के सुरेंद्र कुमार कुशवाहा के खिलाफ फाजिलनगर से चुनाव हार गए थे.