ओपी राजभर ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना, कहा- 'नफरत फैलाने के बाद बिहार में असर खत्म, इसलिए आ रहे फूलपुर'
OP Rajbhar on Nitish Kumar: सुभासपा मुखिया ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बिहार में नीतीश का असर पूरी तरह से खत्म होता दिख रहा है.
OP Rajbhar on Nitish Kumar: इन दिनों ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) और उनकी पार्टी सुभासपा उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्य बिहार को अपनी सावधान यात्रा से सावधान करने की कोशिश में हैं. वहीं, सोमवार को ओपी राजभर गाजीपुर के औड़िहार में अचानक ही अपने एक पुराने परिचित से मिलने के लिए पहुंच गए. अनिल राजभर लगातार ओपी राजभर को मीडिया के मनोरंजन का साधन करार दे रहे हैं. इसको लेकर जब सुभासपा मुखिया से बात की गई, तो उन्होंने अनिल पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि जितना बेचारे को ज्ञान है, उतना ही बोल पाएगा.
ओपी राजभर ने अनिल पर निशाना साधते हुए कहा कि लोडर मालिक नहीं हो सकता. लोडर और मालिक में बहुत अंतर है. अभी उसी के घर के सामने 10 हजार से ज्यादा लोग जुटे हुए थे. उन्होंने आगे कहा कि जब सदन चलता है, तो ओमप्रकाश राजभर अपने समाज के हक के लिए लड़ता है. राजभर ने यह भी कहा कि जब वह स्कॉलरशिप या सामाजिक न्याय समिति के मुद्दे पर बोलते हैं, तब अनिल राजभर की जबान बंद हो जाती है, बाहर आकर खूब बोलते हैं.
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सुभासपा अध्यक्ष ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना
मालूम हो, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ दिन से फूलपुर से चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं. इसको लेकर ओपी राजभर बोले कि वह सावधान यात्रा करने बिहार तक पहुंच गए थे. वहां जाकर उन्होंने देखा कि नीतीश कुमार का कहीं कोई असर नहीं है. उन्होंने बिहार में नफरत पैदा कर दी है, इसलिए अब भागकर फूलपुर की जमीन पर लड़ने आ रहे हैं.
देशभर में छात्रों को मिले फ्री शिक्षा
वहीं, अपनी सावधान यात्रा पर उठ रहे सवालों को लेकर राजभर बोले कि जब मान्यवर कांशीराम जी यात्रा के लिए निकले थे, तब भी लोगों की भाषा यही थी. लोग बोल रहे थे कि कांशीराम जी से कुछ होने वाला नहीं है. हालांकि, वह कुछ ही समय में हजारों के नेता बन गए, हजारों को नेता बनाकर गए. इतना ही नहीं, कांशीराज जी करोड़ों लोगों में राजनीतिक चेतना भी जगाकर गए. ओपी राजभर का कहना है कि वह सावधान यात्रा के जरिए लोगों को यह समझा रहे हैं कि देश में एक समान फ्री एजुकेशन स्कीम होनी चाहिए. जब संविधान, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति एक हैं, तो शिक्षा दो तरह की क्यों? अमीर और गरीब के बच्चे अलग-अलग क्यों?
ओपी राजभर कहते हैं कि सरकारी और प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए नौकरी के फॉर्म एक होते हैं. प्रवेश परीक्षा के सवाल भी एक से आते हैं. तब सरकारी स्कूल वाला फेल हो जाता, लेकिन प्राइवेट स्कूल वाला पास हो जाता. यह बात वह सावधान यात्रा के माध्यम से बताना चाहते हैं. उनका कहना है कि सब लोग इस लड़ाई के लिए तैयार हैं.
राजभर ने कहा कि देश में महंगाई चरम पर है, लेकिन नेता कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे. इसलिए राजभर की पार्टी ने यह तय किया है कि रोजगार परक शिक्षा अनिवार्य कराने की मांग करेंगे. साथ ही सभी बच्चों की पढ़ाई अनिवार्य कराएंगे, ताकि देशभर में छात्रों को रोजगार मिलना शुरू हो जाए.
देशभर में गरीबों की बिजली माफ करे का मुद्दा उठाया
राजभर कहते हैं कि आज देशभर में अमीरों का लाखों-करोड़ों रुपये का कर्ज माफ हो रहा है. वह बैंक से लोन ले रहे हैं, लेकिन कर्ज नहीं भर रहे. जबकि अगर गरीब बिजली का बिल न जमा कर सके, तो उसके घर की बत्ती गुल हो जाती है. सुभासपा का मानना है कि देश में घरेलू बिजली का बिल माफ होना चाहिए. इन सभी काम के लिए सौ प्रतिशत लोग तैयार हैं. जातिवार जनगणना के लिए भी लोग तैयार हैं.
सुभासपा अध्यक्ष कहते हैं कि वह पूर्वांचल के अलावा अन्य कई हिस्सों में भी मीटिंग कर रहे हैं और उन्हें समर्थन भी मिल रहा है. अब बिहार के दर्जनों जिलों में यात्रा कर के आए हैं. जैसे पूर्वांचल की मीटिंग में समर्थन मिला, वैसा ही सपोर्ट बिहार से भी मिला है. यही समर्थन सरकार बनाता और बिगड़ता है.