OP Rajbhar Savdhan Yatra: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) की सावधान यात्रा (Savdhan Yatra) का 27 अक्टूबर को समापन है. यूपी में बुधवार को इस यात्रा का आखिरी शो था, जिसके बाद राजभर अपनी यात्रा को बिहार की तरफ मोड़ ले गए. बिहार की राजधानी पटना में गुरुवार को इस यात्रा के समापन पर सभी की निगाहें टिकी हैं. माना जा रहा है कि राजभर यहां अपने सियासी भविष्य का एलान कर सकते हैं और शायद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को कोई बड़ी चुनौती दे सकते हैं.


गौरतलब है कि 27 अक्टूबर को सुभासपा का स्थापना दिवस है और यह दिन पार्टी के लिए बेहद खास है. इतिहास गवाह है कि पार्टी मुखिया इसी दिन अपने सियासी सफर को लेकर बड़े फैसले लेते हैं. साल 2021 में 27 अक्टूबर को ही राजभर ने सपा-सुभासपा के गठबंधन का ऐलान किया था. तब अखिलेश यादव के लिए राजभर बड़ी-बड़ी बातें किया करते थे. लेकिन, एक साल के अंदर ही गठबंधन की तस्वीर बदल गई. इसी बीच कई नेता राजभर का साथ भी छोड़ गए. हालांकि, राजभर कहते हैं कि जनता उनकी असली ताकत है. अब एक बार फिर 27 अक्टूबर को ओपी राजभर के बड़े ऐलान का इंतजार होने लगा. 


यह भी पढ़ें: UP Politics: अपना दल में बगावत! टिकट बेचने का आरोप, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बोले- पैर छूने के लिए कटवानी पड़ती है रसीद


क्या बीजेपी से दोस्ती का करेंगे ऐलान?
कयास लगाए जा रहे हैं कि इस दिन राजभर तय करेंगे कि उनका अगला रास्ता क्या होगा. वैसे तो काफी समय से वह बीजेपी से दोस्ती होने का संकेत दे रहे हैं, लेकिन गुरुवार को पटना के गांधी मैदान में जब राजभर हुंकार भरेंगे, तभी तय करेंगे कि सुभासपा के लिए वह क्या फैसला लेने वाले हैं. 


जानकारी के लिए बता दें, ओपी राजभर ने यह ऐलान किया था कि सुभासपा आगामी निकाय चुनाव अकेले अपने दम पर लड़ेगी. उन्होंने कहा था कि जहां-जहां उनका संगठन है, पार्टी वहीं से चुनाव लड़ेगी. जहां संगठन नहीं है, वहां उम्मीदवार नहीं उतारे जाएंगे. इसके अलावा, जहां तक लोकसभा चुनाव की बात है, तो सुभासपा अपनी सावधान यात्रा से जनता को एक महीने से टटोल रही है और उन्होंने पाया है कि जनता अब बदलाव चाहती है. राजभर का कहना है कि यह बदलाव की बयार वह लाकर रहेंगे. 


सावधान यात्रा का मिशन
ओपी राजभर ने 26 सितंबर को सावधान यात्रा की शुरुआत की थी. पूर्वांचल के लगभग हर जिले से उन्होंने अपनी यह यात्रा निकाली, जबकि अवध और पश्चिमी यूपी के कुछ हिस्सों में भी राजभर गरजते दिखाई दिए. हालांकि, इस यात्रा की फाइनल पिक्चर पटना के गांधी मैदान में ही दिखाई देगी. राजभर ने बताया था कि वह सावधान यात्रा के जरिए जनता को यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि हर व्यक्ति के लिए शिक्षा कितनी महत्वपूर्ण है. लोगों को समझाया जा रहा है कि पंखा, फोन, मोटरसाइकिल, आदि बनाने की ट्रेनिंग तो ली ही जाए, लेकिन कक्षा-4 से हर बच्चे का पढ़ना भी अनिवार्य कर दिया जाए. कुछ साल बाद जब बच्चे विद्यालय छोड़ेंगे, तो निश्चित रूप से यह हुनर उनके हाथ में होगा. रोजगार तो मिलेगा ही, साथ ही सभी शिक्षित होंगे. 


इसके अलावा, पार्टी का दूसरा मिशन है जातिवार जनगणना करवाना. सुभासपा जनता को समझाने की कोशिश कर रही है कि जातिवार जनगणना देश के विकास के लिए जरूरी है. इसलिए सरकार को इसके लिए मनाना होगा. 


बहरहाल, गुरुवार के दिन ओपी राजभर क्या निर्णय लेंगे, यह तो नहीं पता. लेकिन, यह जरूर अंदाजा लगाया जा रहा है कि उनका कोई भी फैसला अखिलेश यादव को चुनौती देने वाला ही होगा.