UP Politics: मायावती की तारीफ करने वाले शफीकुर्रहमान बर्क पर सपा सांसद एसटी हसन ने दी प्रतिक्रिया, जानें- क्या कहा?
Loksabha Election 2023: सपा सांसद एसटी हसन ने कहा कि बसपा ने 2014 में अकेले चुनाव लड़ा था तो उनकी कोई सीट नहीं आई थी. 2019 में जब बसपा ने हमारे साथ मिलकर चुनाव लड़ा तो उनके 10 सांसद जीते.
Loksabha Election 2023: लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बीजेपी पर समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ एसटी हसन ने निशाना साधा है. सपा सांसद ने कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष यूपी के गाजीपुर से 2024 के लिए चुनावी अभियान शुरू करने वाले हैं इससे बीजेपी को यूपी में कुछ नहीं मिलने वाला है, क्योंकि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ाई जा सकती है. अब जनता हिन्दू मुस्लिम के बहाने बहकावे में आने वाली नहीं हैं. जनता जानती है कि वो हिन्दू मुसलमान के मुद्दे पर वोट देगी या नौकरी और किसानों के मुद्दे पर वोट करेगी.
सपा सांसद एसटी हसन ने जेपी नड्डा का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ाये जाने पर बधाई दी, उन्होंने कहा कि ये बीजेपी का अंदरूनी मामला है. उनका कार्यकाल एक साल के लिए और बढ़ाए जाने पर हम उन्हें बधाई ही दे सकते हैं, लेकिन नड्डा 2024 के चुनाव के लिए गाजीपुर से अभियान शुरू करने वाले हैं, उससे भाजपा को यूपी में कुछ नहीं मिलने वाला. यूपी में बीजेपी की जमीन खिसक चुकी है इसलिए पार्टी यहां ज्यादा ध्यान दे रही है. यूपी में सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें है लेकिन ये तो जनता जानती है कि वो हिंदू मुस्लिम पर वोट देगी या विकास, नौकरी और किसानों के मुद्दे पर वोट करेगी. चुनाव हम भी लड़ेंगे और बीजेपी भी लड़ेगी, लेकिन फैसला जनता को लेना है.
सपा सांसद का बीजेपी पर निशाना
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हिंदुत्व का मुद्दा मुख्य रहा, इस पर सपा सांसद ने कहा कि बीजेपी धर्म के नाम पर हिन्दू भाईयों को बहकाकर वोट लेती है. इनके यही सब मुद्दे हैं चाहे मंदिर हो या कोरिडोर का मुद्दा हो, लेकिन कांठ की हांडी बार-बार चढ़ने वाली नहीं है. हिंदू भाइयों की भी समझ में आ गया है कि हमको हिंदू-मुसलमान के नाम पर लड़ाने वाले लोग देश के हितेषी नहीं हैं. उन्होंने कहा कि वक्ती तौर हम एक-दूसरे से लड़ जाए या भिड़ जाएं लेकिन हम सब एक ठहरे पानी की तरह हैं अगर उसमें लाठी मारेंगे तो हलचल तो होगी, लेकिन फिर सब एक हो ही जाते हैं.
मायावती की तारीफ पर दी प्रतिक्रिया
सपा सांसद डॉक्टर शफीकुर्रहमान बर्क़ के मायावती का गुणगान करने पर एसटी हसन ने कहा कि ये उनका अपना बयान है. वो मेरे भी बुजुर्ग हैं लेकिन मैं यह पूछना चाहता हूं कि जब संसद में तीन तलाक का बिल आ रहा था तो उस समय मायावती कहां थी? भाजपा के साथ क्यों चली गई थी? जब सीएए का बिल आया था तो उस वक्त मायावती ने वॉकआउट क्या कर दिया? धारा 370 के मुद्दे पर बीजेपी के साथ क्यों खड़ी थी? जब मुसलमान को जरूरत होती है तो पीठ दिखा दो और चुनाव आए तो मुसलमान भाई दिखता है.
एसटी हसन ने कहा कि अब ये सब नहीं चलेगा. बसपा ने 2014 में अकेले चुनाव लड़ा था और उनकी कोई सीट नहीं आई थी. 2019 में जब बसपा ने हमारे साथ मिलकर चुनाव लड़ा तो उनके 10 सांसद जीत कर आए, अगर अब फिर वह अकेले चुनाव लड़ेंगी तो उनकी शून्य सीट ही आएंगी.