Ramcharitmanas Controversy: स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर दिये बयान के बाद पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री और बीजेपी ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप (Narendra Kashyap) ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि देश में किसी भी नेता को किसी भी धार्मिक ग्रंथ पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं है. सपा नेता ने जिस तरह से रामचरितमानस पर गलत भाव के साथ टिप्पणी की यह निंदनीय है. यह वही समाजवादी है, जिन्होंने राम भक्तों पर गोली चलाई थी और राम के अस्तित्व पर प्रश्न वाचक चिन्ह लगाते हैं. उन्होंने कहा कि जनता इन्हें जानती है, इसीलिए समय-समय पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करती है.
बीजेपी नेता ने कहा कि किसी और धर्म पर या ग्रंथ पर इस तरह के सवाल उठाकर देखें, सबको पता है देश प्रदेश में क्या होता है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी प्रतिक्रिया कैसे करेगी, जिस पार्टी ने राम भक्तों पर गोली चलाई हो और फिर ढिंढोरा पीटा हो कि हमने यह कर दिया. उन्होंने कहा कि जो राम के मंदिर को देखने को तैयार नहीं, वह रामायण रामचरितमानस पर ऐसा शब्द इस्तेमाल करने वालों पर प्रतिक्रिया देंगे, लगता नहीं है. देश की जनता, बहुसंख्यक इस बात को देख रहे हैं, आने वाले समय में इनको जरूर जवाब मिलेगा.
मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य के बारे में सबको मालूम है कि जब वह सपा में शामिल हुए थे, सब ने उनके बयान सुने हैं. वो बड़ी-बड़ी बातें कहते थे कि 400 सीट जिताएंगे और उन्हें अपनी सीट गंवानी पड़ी. इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि वह किस पार्टी को बढ़ाएंगे और किसे घटाएंगे, जो खुद की सीट ना बचा पाए वह पार्टी को क्या बचाएगा.
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस के दोहे और चौपाई पर आपत्ति जताई थी. मौर्य ने कहा था कि इन दोहों में धर्म की आड़ में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं का अपमान किया गया. इसके साथ ही उन्होंने इन चौपाइयों को रामचिरतमानस से निकाल देने की बात कही थी.
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