UP News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव (Shipal Singh Yadav) के बीच नाराजगी की खबरें अब खुल कर सामने आ रही हैं. शिवपाल यादव बिना नाम लिए बीते कुछ दिनों से अखिलेश पर निशाना साध रहे हैं.गुरुवार को एक बार फिर शिवपाल यादव ने उनपर तंज कसते हुए निशाना साधा है. 


लाल टोपी पर क्या बोले शिवपाल
बीते कुछ दिनों से बीजेपी से ज्यादा शिवपाल यादव भतीजे पर हमलावार रहे हैं. अब माना जा रहा है कि चाचा शिवपाल को भी लाल रंग रास नहीं आ रहा है. एबीपी न्यूज से बातचीत करते हुए शिवपाल यादव ने कहा, "कोई किसी की नहीं सुनता है. कोई किसी को पसंद है, कोई किसी को पसंद है. लेकिन हम इतना जरूर जानते हैं कि समाजवाद विचारों से आता है, लाल टोपी लगाने से समाजवाद नहीं आता है."


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उन्होंने अखिलेश यादव और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच हुई नोंकझोंक पर भी जवाब दिया. शिवपाल यादव ने कहा, "विधानसभा में जब चलती है तो नोंकझोंक होती है. जब नोंकझोंक होती है तो संसदीय भाषा का पालन होना चाहिए. हमेशा सदन नियमों से और परंपराओं से चलता है. अगर कोई भी सदस्य है तो उसे संसदीय भाषा का प्रयोग करना चाहिए. ऐसा ही मैंने देखा है और यही सीखा है."


सत्ता पक्ष ने शुरू किया विवाद
उन्होंने कहा, "जो जितने बड़े पद पर होता है उन्हें हमेशा गरिमा का ध्यान रखना चाहिए. हालांकि इसकी शुरूआत तो सत्ता पक्ष से ही हुई थी. जिसपर विपक्ष उत्तेजित हो गया. सत्ता पक्ष को उस भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए था. खास कर सीनियर सदस्यों को तो ऐसा नहीं करना चाहिए था."


सपा विधायक ने कहा, "कभी-कभी कुछ बातों पर उत्तेजना तो जरूर होती है. लेकिन ऐसे वक्त पर अध्यक्ष की जिम्मेदारी हो जाती है. वे सदस्यों को संभालते हैं. हमेशा वे ही संभालते भी हैं. कोई भी सदस्य हो चाहे पक्ष हो या विपक्ष हमेशा संसदीय भाषा का पालन होना चाहिए. हालांकि कभी-कभी विधानसभा में ऐसा होता रहता है. ये शुरूआत कहीं ना कहीं से होती है. जब दोनों पक्षों से शुरूआत होती है तो कोई ज्यादा कोई कम बोलता है."


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