UP Politics: विधान परिषद में सपा से छिन जाएगी विपक्ष की कुर्सी! BJP रचेगी इतिहास, जानें- कैसे बदला समीकरण?
UP विधान परिषद में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से विपक्ष की कुर्सी छिन सकता है. 6 जुलाई को विधान परिषद के 13 सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है. जिसके बाद समीकरण में बड़े बदलाव आ सकते हैं.
UP Vidhan Parishad News: उत्तर प्रदेश विधान परिषद में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से विपक्ष की कुर्सी छिन सकता है. फिलहाल सदन में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्यों की संख्या 66 है, जबकि सपा के 11 सदस्य हैं. वहीं 6 जुलाई को विधान परिषद के 13 सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है. जिनके लिए 20 जून को चुनाव प्रस्तावित है.
जिन 13 सीटों पर चुनाव होना है, उसमें 9 पर बीजेपी और 4 सपा जीत दर्ज कर सकती है. विधान परिषद में एक सीट जीतने के लिए 31 सदस्यों की जरूरत होगी. बीजेपी गठबंधन की बात करें तो विधानसभा में उसके पास कुल 273 और सपा गठबंधन के पास 125 विधायक हैं.
कैसे बदलेगा समीकरण
10 साल पहले इसी सदन में बीजेपी के पास सिर्फ 7 सदस्य थे. वहीं अब उसी सदन में बीजेपी 81 तक पहुंच सकती है. दरअसल, 6 सीटें अप्रैल और मई में खाली हुईं, जिन्हें जोड़ें तो बीजेपी का आंकड़ा 72 तक पहुंच जाएगा. इसके अलावा जून में प्रस्तावित चुनाव में बीजेपी अगर 9 सीटें जीतेगी तो उसके पास विधान परिषद में 81 सदस्य हो जाएंगे. 4 दशक में पहली बार ऐसा हुआ है जब बीजेपी बहुमत का आंकड़ा पार कर सकती है. इसके साथ ही बीते दो दशकों में किसी भी सत्ताधारी दल के विधान परिषद के सदस्यों की संख्या इतनी नहीं हुई थी.
कांग्रेस का एक भी सदस्य नहीं होगा
कांग्रेस का इस सदन में कोई सदस्य नहीं रहेगा. पार्टी के एकमात्र एमएलसी दीपक सिंह का कार्यकाल भी खत्म हो जाएगा. ऐसे में विधानपरिषद में उसकी संख्या 0 हो जाएगी. वहीं सपा के विपक्ष की कुर्सी की बात करें तो सपा के सदस्यों की संख्या 10 फीसदी से कम हो कर 9 हो जाएगी. ऐसे में माना जा रहा है कि विधान परिषद में उसका विपक्ष की कुर्सी छिन सकती है. हालांकि जानकारों का मानना है कि सभापति, सपा को नेता प्रतिपक्ष चुनने के लिए कह सकते हैं.
जानकारों का कहना है कि अगर सभापति, सपा से नेता चुनने के लिए कहेंगे तभी विपक्ष की कुर्सी बच सकती है. वहीं बहुजन समाज पार्टी की हालत विधानसभा जैसी हो सकती है. सदन में फिलहाल उसके 4 सदस्य हैं लेकिन जुलाई में बसपा के सदस्यों की संख्या सिर्फ 1 सदस्य रह जाएगी.
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