Lok Sabha Election 2024: देश में फिलहाल आम चुनाव 2024 की प्रक्रिया जारी है और 4 जून को इसके परिणाम आएंगे. अभी तक चार चरणों के मतदान हो चुके हैं. इस चुनाव में भी सबकी निगाहें उत्तर प्रदेश पर हैं. राजनीतिक दल कोई भी हो वह बिना यूपी के अपनी सियासत का भविष्य शायद ही सोच सके. सन् 1947 में आजादी के बाद से लेकर साल 2019 तक हुए आम चुनावों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश को 15 प्रधानमंत्री दिए.
साल 2011 की आबादी के अनुसार देश की कुल आबादी में 17 फीसदी का योगदान देने वाले उत्तर प्रदेश 6 प्रधानमंत्रियों का जन्मस्थान भी रहा. कुल 9 प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के किसी न किसी संसदीय क्षेत्र से चुन कर लोकसभा पहुंचे और देश का प्रतिनिधित्व किया. आजादी के बाद से लेकर भी तक कुल 77 सालों में 75 फीसदी समय जो नेता प्रधानमंत्री रहे उनका वास्ता किसी न किसी रूप में उत्तर प्रदेश से रहा.
ये हुए प्रधानमंत्री
सबसे पहला नाम पंडित जवाहर लाल नेहरू का. देश के प्रथम प्रधानमंत्री रहे पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म प्रयागराज (तब के इलाहाबाद) में हुआ था. वह 17 साल (6130 दिन) तक पीएम रहे. इसके बाद उनकी बेटी इंदिरा गांधी 15 साल यानी 5,829 दिन तक प्रधानमंत्री रहीं. इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी 6 साल तक देश के पीएम रहे. इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी साल 2014 से साल 2019 तक 10 साल से देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. वह भी यूपी के वाराणसी से दो बार से सांसद हैं और तीसरी बार चुनाव के लिए बीते दिनों नामांकन दाखिल किया है.
इसके अलावा लालबहादुर शास्त्री, इलाहाबाद से सांसद रहे. वह 1 साल 216 दिन तक देश के पीएम रहे. फिर चौधरी चरण सिंह 170 दिनों तक देश के प्रधानमंत्री रहे. वह बागपत से सांसद रहे. राजीव के बाद विश्वनाथ प्रताप सिंह ने देश का प्रतिनिधित्व किया और फतेहपुर से सांसद रहे. वीपी सिंह के बाद चंद्रशेखर पीएम बने और वह बलिया से सांसद थे.
आजादी के बाद तीन दशक तक कांग्रेस का गढ़ रहे उत्तर प्रदेश में देश की कुल 543 लोकसभा सीटों का 20 फीसदी अकेले है. राज्य की 80 लोकसभा सीटें देश का सियासी भविष्य और परिदृश्य तय करती हैं.