Meerut Pollution: यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदूषण फैलाने के लिए NCRTC और एक फैक्ट्री पर लगाया 25 लाख रुपये का जुर्माना
यूपीपीसीबी एक टीम को पिछले 2 हफ्तों में निरीक्षण के दौरान आरआरटीएस निर्माण स्थलों पर धूल उड़ती मिली, जिसकी वजह से पेड़ों की पत्तियां भी धूल से ढकी गई थी. पानी का छिड़काव भी ठीक से नहीं किया जा रहा था.
Meerut Pollution: उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल का काम कर रहे एनसीआरटीसी पर ये जुर्माना "प्रदूषण मानदंडों का उल्लंघन" करने के कारण लगा है. वहीं मेरठ के धीरखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र की एक केमिकल फैक्ट्री पर भी 25 लाख का जुर्माना लगाया गया है. साथ ही चेतावनी दी गई है कि प्रदूषण मानकों का उल्लंघन हुआ तो अब सील की कार्रवाई होगी.
धूल की वजह से ढक गई पेड़ों की पत्तियां
यूपीपीसीबी की एक टीम को पिछले दो हफ्तों में निरीक्षण के दौरान एनसीआरटीसी निर्माण स्थलों पर धूल उड़ती मिली, जिसकी वजह से आसपास के पेड़ों की पत्तियां भी धूल से ढकी गई थी. टीम ने यह भी पाया कि पानी का छिड़काव भी ठीक से नहीं किया जा रहा था. इसके अलावा शताब्दीनगर क्षेत्र में माल और मशीनरी ले जा रहे गाड़ियों की आवाजाही के कारण सड़कें टूटी गई हैं. टीम को निर्माण स्थल पर बिना अनुमति के एक बॉयलर स्थापित मिला था.
एनसीआरटीसी को जारी किया गया था नोटिस
यूपीपीसीबी के अधिकारी योगेंद्र सिंह के अनुसार, टीम ने 9, 21 और 22 नवंबर को एनसीआरटीसी निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया गया था, जिसके बाद मिली कमियों को दूर करने के लिए एनसीआरटीसी को नोटिस जारी किया गया था, लेकिन प्रदूषण को कम करने के लिए कुछ भी नहीं किया गया. मेरठ नगर आयुक्त ने भी इन जगहों का निरीक्षण किया और इस संबंध में एनसीआरटीसी और क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एक पत्र लिखा था.
मेरठ में प्रदूषण की स्थिति बहुत खराब
योगेंद्र सिंह का कहना है कि मेरठ में प्रदूषण की स्थिति बहुत खराब है और एनसीआरटीसी की निर्माण गतिविधियां संकट को बढ़ा रही हैं. हमने निर्माण स्थलों के आसपास कंक्रीट के कचरे का उचित निपटान सुनिश्चित करने और पानी के छिड़काव की जांच करने के लिए एजेंसी को कई नोटिस जारी किए हैं, लेकिन इसने कोई ध्यान नहीं दिया. अब हमने इस पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव रखा है. फिलहाल प्रस्ताव लखनऊ कार्यालय में लंबित है.
आपको बता दें कि मेरठ में वायु प्रदूषण 'बहुत खराब' स्तर पर है. शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 321 है. हालांकि मंगलवार को इसमें कमी आई थी पर बुधवार को एक बार फिर से प्रदूषण में बढ़ोतरी हो गई. पिछले कुछ दिनों मेरठ में प्रदूषण का स्तर कुछ इसी तरह का रहा है.
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