UP Electricity Bill: उत्तर प्रदेश के लोगों के जल्द ही बिजली को जोरदार झटका लग सकता है. यूपी पॉवर कॉरपोरेशन ने चौथी बार कॉस्ट डाटा का संशोधित प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग में दाखिल कर दिया है. नई कॉस्ट डाटा बुक में 30 से 35 फीसदी तक बढ़ोतरी की गई है. अगर इसे हरी झंडी मिल जाती है तो छोटे-बड़े उद्योगों की सिक्योरिटी राशि में पचास से सौ फीसद तक बढोतरी हो सकती है, जिसका सीधा असर कनेक्शन लेने वालों पड़ेगा. 


दरअसल बिजली कनेक्शन के लिए जरूरी समाना का एस्टीमेट कॉस्ट डाटा बुक में दी गई दरों के आधार पर ही तय किया जाता है. कॉर्पोरेशन ने 11 सितंबर को ही संशोधित कॉस्ट डाटा बुक का प्रस्ताव दिया है, ज्यादातर प्रस्तावित दरों को जस का तस ही रखा है, लेकिन  इसमें ट्रांसफर व्यवस्था में कुछ बदलाव जरूर किए गए हैं. जिसमें 16 केवीए 3 फेस और 10 केवीए सिंगल फेस ट्रांसफार्मर की भी व्यवस्था की गई है. 


ट्रांसफार्मर व्यवस्था में हुआ बदलाव
नई ट्रांसफार्मर व्यवस्था से छोटे किसानों को थोड़ी राहत मिलेगी. ऐसे में अब उन्हें 25 केवीए का ही ट्रांसफार्मर लगवाने के लिए बाध्य नहीं होना पड़ेगा, इसके लिए अब 12 किलोवाट तक निजी नलकूप पर 16 केवीए का ट्रांसफार्मर लगवाने से भी काम चल जाएगा. इससे किसानों को 20 हजार रुपये तक की बचत होगी. 


उपभोक्ता परिषद ने किया विरोध का एलान
नई कॉस्ट डाटा बुक में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दरों को पावर कॉरपोरेशन ने दाखिल नहीं किया है, जिसे लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं. दूसरी तरफ यूपी विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इसके विरोध का एलान किया है. परिषद ने कहा कि वो आयोग की बैठक में प्रस्तावित मनमानी बढ़ोतरी का विरोध करेंगे. परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि उद्योगों व इलेक्ट्रिक व्हीकल की सिक्योरिटी धनराशि की दरों में 100 प्रतिशत से ज्यादा की बढोतरी चौंकाने वाली है. प्रस्ताव में जीएसटी का अलग से जिक्र भी किया गया है. 


कॉस्ट डाटा में प्रस्तावित नईं दरें
कॉस्ट डाटा बुक मेंम सिक्योरिटी राशि की मौजूदा व प्रस्तावित दरों की बात की जाए तो चार्जिंग सब स्टेशन 400 रुपये प्रति किलोवाट बढ़कर 3000 रुपये प्रति किलोवाट किया है, लार्ज एवं हेवी श्रेणी को 2200 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति किलोवाट किया, स्माल एवं मीडियम पावर को 1350 से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति किलोवाट और नॉन इंडस्ट्रियल लोड को 4500 रुपये से बढ़ा 6000 रुपये प्रति किलोवाट किया गया है.