लखनऊ. प्रदेश में लगाये गए स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की जेब पर डाका डाल रहे हैं और बिजली विभाग के अधिकारी सब कुछ जानते हुए इससे जुड़ी रिपोर्ट दबाए बैठे रहे. लेकिन अब उत्तर प्रदेश विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इससे जुड़ी जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया तो विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. वहीं, मामला सामने आने के बाद ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने अपर मुख्य सचिव को दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने और 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा है.


स्मार्ट मीटर में लगातार आ रही हैं गड़बड़ियां


असल मे 2018 में जब से स्मार्ट मीटर लगने शुरू हुए तभी से उपभोक्ता मीटर रीडिंग अधिक आने की शिकायत करते रहे. यूपी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने मामले की शिकायत विद्युत नियामक आयोग और पावर कॉरपोरेशन से की. इसके बाद 2019 में लखनऊ में दो बार स्मार्ट मीटर के साथ चेक मीटर लगाकर जांच हुई थी. इसके लिए 2019 में लेसा के अपट्रॉन व ठाकुरगंज क्षेत्र में मध्यांचल कंपनी के निर्देश पर पांच उपभोक्ताओं के घर पर स्मार्ट मीटर के पैरलल में चेक मीटर एक अच्छी कंपनी का लगाया. पहली बार 5 उपभोक्ताओं के यहां चेक मीटर लगा तो तीन के यहां स्मार्ट मीटर की गड़बड़ी मिली.


इन मामलों से स्मार्ट मीटर संदेह के घेरे में


उपभोक्ता हसींन खा के स्मार्ट मीटर में 550 रीडिंग आयी और चेक मीटर में 67 यानी 483 यूनिट अधिक मिला.


उपभोक्ता तारावती के स्मार्ट मीटर में 868 रीडिंग आयी और चेक मीटर में 29 यानी 839 यूनिट अधिक


उपभोक्ता लाल बहादुर सिंह के स्मार्ट मीटर में 877 रीडिंग आयी और चेक मीटर में 59 यानी 818 यूनिट अधिक


इन तीनों उपभोक्ताओं के यहां क्रॉस चेक के लिए दोबारा चेक मीटर लगाए गए तो फिर मिली गड़बड़ी. दोबारा चेक मीटर लगने पर हसींन खा के यहां 224 यूनिट अधिक, तारावती के यहां 419 यूनिट और लाल बहादुर सिंह के यहां 146 यूनिट अधिक आये.


रिपोर्ट सामने आने के बाद मचा हड़कंप 


इतनी बड़ी गड़बड़ी सामने आने के बाद विभागीय अधिकारियों व अभियंताओं को मीटर निर्माता कंपनी पर एक्शन लेना चाहिए था. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. बल्कि मीटर बदलवाकर दबा दिया गया. करीब एक साल बाद ये रिपोर्ट उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के हाथ लग गयी. उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को रिपोर्ट सौंपी है. ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं. इसकी रिपोर्ट 15 दिन में तलब की है. दोषी अधिकारियों व मीटर निर्माता कंपनी के खिलाफ कठोर कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं.


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