Uttar Pradesh News: यूपी के प्रयागराज (Prayagraj) में घटित यह घटना एक हिंदी ब्लॉकबस्टर फिल्म की पटकथा की तरह लगती है. यहां आरोपी ने एक व्यक्ति को मारकर खुद की मौत होने की साजिश रची. दरअसल, एक 45 वर्षीय हत्या के आरोपी ने अपने समान शरीर वाले एक व्यक्ति की हत्या कर दी और अपना पहचान पत्र शव के पास छोड़ दिया ताकि यह उसकी मौत जैसा लगे. हालांकि, यह योजना तब सबके सामने आ गई जब पुलिस ने मुठभेड़ के बाद करेहा गांव के आरोपी फिरोज अहमद को गिरफ्तार किया.


क्या है पूरा मामला
एसपी (ट्रांस यमुना) सौरभ दीक्षित ने बताया बार-बार पुलिस की छापेमारी और कार्रवाई से तंग आकर आरोपी फिरोज ने नैनी सेंट्रल जेल में रहने के दौरान उन लोगों से छुटकारा पाने की साजिश रची, जिन्होंने उसे जेल में बंद करवाया था. अपनी कानूनी लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए उसने चार लाख रुपये का कर्ज लिया. करीब दो महीने पहले एक मामले में जमानत पर छूटने के बाद फिरोज ने अपने समान शरीर वाले व्यक्ति की तलाश शुरू की और बिहार के बक्सर के एक युवक के संपर्क में आया.


भरोसा जीतकर की हत्या
दरअसल, फिरोज पेशे से एक इलेक्ट्रीशियन है और सूरज गुप्ता का विश्वास जीतने में कामयाब रहा. उसे नौकरी हासिल करने में मदद का आश्वासन दिया और उसने उसे शहर में ही रहने की सलाह दी. इसके बाद फिरोज ने सूरज गुप्ता को 17 अक्टूबर को मदार्पुर गांव के पास एक स्थानीय भोजनालय में रात के खाने-पीने के लिए आमंत्रित किया. इसके बाद उसने दो सहयोगियों के साथ सूरज गुप्ता की गला घोंटकर हत्या कर दी.


शव के पास खुद का लाइसेंस छोड़ा
हत्या के बाद सिर भी काट दिया. उन्होंने मृतक के निजी अंगों को काट दिया और पहचान छिपाने के लिए शरीर को आग लगा दी. फिरोज ने अपना ड्राइविंग लाइसेंस भी आधे जले हुए शरीर के पास छोड़ दिया, ताकि यह उसकी मौत जैसा लगे. फिरोज ने सोचा था कि सूरज गुप्ता की मौत से पुलिस उसके खिलाफ सभी मामले बंद कर देगी. एसपी ने आगे कहा कि जांच के दौरान पुलिस को शव की जेब से कुछ संपर्क नंबर मिले. पुलिस ने इन नंबरों पर संपर्क किया तो पता चला कि मृतक बिहार का सूरज गुप्ता है. इसके बाद फिरोज को खोजबीन शुरू हुई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.



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