Amarmani Tripathi Release: पूर्व मंत्री और बहुचर्चित कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में सजायाफ्ता अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि आज जेल से रिहा हो रहे हैं, जिसे लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है. वहीं मधुमिता की बहन ने अमरमणि की रिहाई पर सवाल भी उठाए हैं और राज्यपाल महोदया से उनकी रिहाई पर रोक लगाने की मांग की है. इस बीच यूपी के कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि सीएम और राज्यपाल के फैसले के आधार पर कार्रवाई की जाती है.
कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा, "जेलों में कार्य के आधार पर, उनके व्यवहार के आधार पर और नीतियों के आधार पर फाइलें चलती हैं. माननीय मुख्यमंत्री और राज्यपाल महोदया के निर्देश के बाद ही जो फैसला होता उसके आधार पर आगे निर्णय लिया जाता है. जैसा भी उनका निर्देश होगा, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई को किया जाएगा.''
अमरमणि की रिहाई पर क्या बोले कारागार मंत्री
मंत्री से जब मधुमिता की बहन के विरोध पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, "हम राज्यपाल महोदया के विवेक पर उंगली नहीं उठा सकते हैं. हमारे यहां से जो भी फाइलें उनके पास जाती है. राज्यपाल महोदया उन्हें अच्छे पढ़ती हैं और उनपर विवेक पूर्ण निर्णय लेती है. जो भी उनका फैसला होता है वो हम लोगों को मान्य होता है. वो किसी भी मामले पर ऐसे ही निर्णय नहीं लेती है उनकी टीम पहले पूरा अध्ययन करती है. उसके बाद ही वो कोई निर्णय लेती हैं.''
20 साल बाद अमरमणि की रिहाई
दरअसल, मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि पिछले 20 साल से गोरखपुर की जेल में सजा काट रहे थे. जेल में उनके अच्छे व्यवहार को देखते हुए उनकी बाकी की सजा को माफ कर दिया गया है. अमरमणि की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी रिहाई के आदेश दिए, जिसके बाद राज्यपाल की अनुमति से कारागार प्रसाशन और सुधार विभाग ने उनकी रिहाई के आदेश जारी किए हैं और आज उनकी जेल से रिहाई होनी है.
बहन निधि शुक्ला ने जताई आपत्ति
मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने सरकार के इस फैसले पर हैरानी जताई है और इसका विरोध किया है. उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि, "हमने अमरमणि के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस पर 25 अगस्त यानी आज सुनवाई है, फिर यह आदेश किस तरह से हुआ है? मेरी प्रार्थना है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का कोई आदेश नहीं आ जाता तब तक इस रिहाई पर रोक लगाई जाए.