Prayagraj Student Protest: यूपी लोक सेवा आयोग के खिलाफ प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन आज लगातार पांचवें दिन भी जारी है. आज भी बड़ी संख्या में छात्र यूपी लोकसेवा आयोग के दफ्तर के बाहर की सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि सीएम योगी की पहल पर आयोग ने छात्रों की ज्यादातर मांगों को मान लिया है, लेकिन प्रदर्शनकारी छात्र पीसीएस की तरह ही आरओ-एआरओ की परीक्षा को भी वनडे वन शिफ्ट में कराए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं. प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी यह मांग भी पूरी नहीं हो जाती तब तक वह अपना आंदोलन जारी रखेंगे.
गौरतलब है कि पीसीएस और आरओ - एआरओ की परीक्षाओं को यूपी लोक सेवा आयोग की दो सबसे बड़ी और प्रमुख परीक्षा माना जाता है. आयोग इन परीक्षाओं को अभी तक एक दिन और एक शिफ्ट में कराता रहा है. इन भर्ती परीक्षाओं में लाखों की संख्या में अभ्यर्थी शामिल होते हैं. आयोग इन परीक्षाओं को प्रदेश के दर्जनों जिलों में बनाए गए अलग-अलग केंद्र में आयोजित कराता है. इस साल होने वाली यूपी पीसीएस 2024 और आरओ - एआरओ 2023 भर्ती की प्रारंभिक परीक्षाओं को भी इसी तर्ज पर आयोजित किया जाना था.
दस लाख अभ्यर्थियों ने किया था आवेदन
आयोग ने सबसे पहले 11 फरवरी को आरओ-एआरओ भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा को प्रदेश के तमाम केंद्रों पर आयोजित कराया था. इस भर्ती के लिए दस लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. परीक्षा खत्म होने के कुछ घंटे बाद ही पेपर लीक होने की बात सामने आई. परीक्षा रद्द किए जाने की मांग को लेकर सैकड़ों अभ्यर्थी बीस दिनों तक प्रयागराज में धरने पर बैठे रहे. छात्रों के आंदोलन का असर लोकसभा चुनाव पर पड़ता देखकर यूपी लोक सेवा आयोग ने सरकार के दबाव में इस भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया था.
इसी तरह से यूपी पीसीएस 2024 की प्रारंभिक परीक्षा सबसे पहले मार्च महीने में होनी थी.पेपर लीक जैसी कोई घटना चुनाव के दौरान ना हो,इस वजह से परीक्षा को स्थगित कर अक्टूबर महीने में कराए जाने का ऐलान किया गया. 26 अक्टूबर को प्रस्तावित परीक्षा भी पर्याप्त केंद्र नहीं मिलने की वजह से टाल दी गई.पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा के लिए पौने छह लाख लोगों ने आवेदन किया था. इस बीच यूपी सरकार ने परीक्षा को लेकर नए नियम बना दिए.
परीक्षा दो शिफ्ट में होने से गुस्सा थे छात्र
यूपी लोक सेवा आयोग ने पांच नवंबर को दोनों भर्तियों की प्रारंभिक परीक्षाओं की तारीखों का ऐलान किया. इसके तहत पीसीएस की परीक्षा 7 और 8 दिसंबर और आरओ व एआरओ की परीक्षा 22 व 23 दिसंबर को कराई जानी थी.यह पहली बार था कि परीक्षाओं को दो कार्य दिवस में आयोजित किया जाना था.दो दिन और कई शिफ्ट में परीक्षा होने से इसमें नॉर्मलाइजेशन और परसेंटाइल का फार्मूला लागू होता.प्रतियोगी छात्र पिछले दो महीने से लगातार इसके खिलाफ आवाज उठा रहे थे.
प्रदर्शनकारी छात्रों ने इस ऐलान के बाद कहा था कि उन्हें आपस में बांटने की कोशिश है. लेकिन वह ना तो बंटेंगे ना हटेंगे और आंदोलन को जारी रखेंगे.हालांकि आज पांचवे दिन प्रदर्शनकारी छात्रों की संख्या कम हो गई है.बताया जा रहा है कि आयोग में तीन दिनों की छुट्टी होने की वजह से प्रदर्शनकारी छात्र अब सोमवार से नए सिरे से आंदोलन करने की रणनीति तैयार कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि जब पीसीएस की परीक्षा एक ही दिन में कराई जा सकती है तो आरओ एआरओ की परीक्षा को भी पुराने पैटर्न पर ही कराया जाना चाहिए.
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