UP Politics: BJP के फैसले से बुरे फंसे अखिलेश यादव, सहयोगियों ने छोड़ा साथ, बिगड़ा समीकरण
Rajya Sabha Election 2024: सपा प्रमुख अखिलेश यादव, BJP के एक फैसले से बुरे फंस गए हैं. एक ओर जहां पल्लवी ने साथ छोड़ने का एलान किया है तो वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी इस्तीफा दे दिया है.
UP Politics: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले राज्यसभा के चुनाव ने राज्य की राजनीति की गर्माहट बढ़ा दी है. माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी 10 सीटों के चुनाव में 8वां उम्मीदवार भी उतार सकती है. ऐसे में अब राज्य में 1 राज्यसभा के लिए वोटिंग होगी. बता दें यूपी की 403 सदस्यीय विधानसभा में BJP के 252, सपा के 108 और कांग्रेस के दो सदस्य हैं. सपा और कांग्रेस राज्य में विपक्षी दल हैं और लोकसभा चुनाव में BJP का मुकाबला करने के लिए विपक्षी पार्टियों के गठबंधन में भागीदार भी हैं.
सदन में BJP के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के 13 जबकि निषाद पार्टी के छह सदस्य हैं. रालोद के नौ, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के छह, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो और बसपा का एक सदस्य है. चार सीटें खाली हैं. समाजवादी पार्टी के तीन उम्मीदवारों आलोक रंजन, जया बच्चन और रामजी लाल सुमन ने कल नामांकन दाखिल किया था. राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 फरवरी है. मतदान 27 फरवरी को होगा और नतीजे उसी दिन घोषित किए जाएंगे. राज्यसभा की हर सीट पर जीत के लिए दोनों दलों को 37-37 मतों की आवश्यकता होगी.
पल्लवी और स्वामी ने बढ़ाई मुश्किल
हालांकि अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल और स्वामी प्रसाद मौर्य के महासचिव पद से इस्तीफे ने अखिलेश यादव और सपा का संकट बढ़ा दिया है. दरअसल, पल्लवी ने यह एलान कर दिया है कि वह सपा के राज्यसभा चुनाव के प्रत्याशियों से नाखुश हैं.
उन्होंने अखिलेश की पीडीए रणनीति पर सवाल उठाते हुए बुधवार को यहां तक कह दिया कि जया और आलोक पीडीए नहीं हैं. इतना ही नहीं उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य के फैसले का भी समर्थन किया. ऐसे में जबकि पल्लवी पटेल, सपा की ही विधायक हैं और उन्होंने पार्टी के समर्थन में वोट न करने का एलान किया है तब सपा प्रमुख की मुश्किलें और बढ़ जाती हैं.
बीजेपी को चुनाव में मात देने के लिए सपा प्रमुख ने बतौर दलित नेता रामजी लाल सुमन को भी टिकट दिया. हालांकि बीजेपी के 8वें उम्मीदवार उतारने के संकेत से सपा की एक सीट फंसती नजर आ रही है.
अब जबकि राज्य में राज्यसभा की 1 सीट के लिए मतदान होगा तो ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि बसपा क्या फैसला करती है और सुभासपा के विधायक अब्बास अंसारी किस ओर मतदान करते हैं. अब्बास ने साल 2022 का विधानसभा चुनाव बतौर सपा नेता सुभासपा के टिकट पर लड़ा था.
इसके अलावा खबरें है कि राष्ट्रीय लोकदल के तीन-4 विधायक जयंत चौधऱरी के एनडीए के साथ जाने के फैसले से नाराज बताए जा रहे हैं, ऐसे में वह भी क्रॉस वोटिंग कर के दोनों दलों के चुनावी खेल में अहम भूमिका निभा सकते हैं.